दिव्य ज्योति वेद मंदिर (DJVM) के अनन्य प्रयासों द्वारा एक विलक्षण वैदिक क्रांति का आरंभ विश्वभर में हो गया है। इसी श्रृंखला में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए एक नवीन तीन दिवसीय वर्कशॉप "अलङ्कृता: Rhythmic Waves of Vedas" का आयोजन 29th - 31st दिसंबर, 2022 को वर्चुअल माध्यम से किया गया जिसमें संपूर्ण भारत में से 4-12 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों ने नामांकन करवाया।
कार्यक्रम का प्रारंभ "श्री गुरु स्तोत्रम्" के साथ हुआ, जिसके पश्चात् "विद्यार्थी शपथ" का उच्चारण किया गया। विद्यार्थियों को विभिन्न संस्कृत स्तुतियाँ, गीत, भजन इत्यादि सिखाए गए, जैसे: श्री गुरु स्तोत्रम्, श्री विष्णु स्तुति, श्री शिव स्तुति, श्री देवी कवचम्, आदर्श विद्यार्थी के पाँच लक्षण इत्यादि। साथ ही दैनिक गतिविधियों से संबंधित सरल वाक्यांश भी #संस्कृतदिनचर्यावली के माध्यम से पढ़ाये गए।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, चेन्नई शाखा के समन्वयक स्वामी प्रदीपानंद जी ने बच्चों के साथ एक विशिष्ट सत्र किया जिसमें उन्होंने बच्चों को रोचक गतिविधियों के माध्यम से वैदिक मूल्यों के महत्त्व को समझाया एवं वैदिक संस्कारों को बड़ी ही सरलता से संप्रेषित किया। साथ ही, स्वामीजी ने वेदों के तत्त्व अर्थात् "ब्रह्मज्ञान : आत्म साक्षात्कार" के बारे में भी बच्चों को अवगत किया। कार्यक्रम को "शांति पाठ" के सामूहिक उच्चारण और विश्व शांति की प्रार्थना के साथ समाप्त किया गया।
बच्चों ने संस्थान द्वारा प्रकाशित “महायोगी का महाराहस्य” पुरस्तक में दी गई दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की चित्रावली से शिक्षा लेते हुए इस सत्र में बड़े ही आदर और प्रसन्नता के साथ भाग लिया।
बच्चे आने वाले उज्ज्वल भविष्य की नींव हैं। अतः उनके चरित्र निर्माण और महान व्यक्तित्व के लिए आवश्यक है कि उन्हें सांस्कृतिक मूल्यों और आध्यात्मिक ज्ञान से परिपूर्ण वातावरण में निरंतर ढाला जाए, जिस हेतु DJVM निरंतर कार्यरत है।