कुछ के लिए जीवन बहुत छोटा सफर है बिल्कुल एक मोमबत्ती के बुझने जितना छोटा, तो कुछ के लिए अपने लक्ष्य और सपने पूरा करने का एक सुंदर मंच है। कुछ के लिए ये एक युद्धक्षेत्र के मानिंद है तो कुछ के लिए उस परमतत्व को प्राप्त कर मोक्ष प्राप्ति का साधन। देखा जाए तो एक लम्बी अवधि तक कुछ नहीं बदलता लेकिन फिर भी हर पल जीवन में सब कुछ बदल रहा है। जन साधारण को जीवन के वास्तविक उद्देश्य से अवगत कराने हेतु, डीजेजेएस ने 11 फरवरी, 2019 को कुंभ मेला, प्रयागराज में भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसका विषय "जीवन क्षणभगुंर" था।
हमारे धर्म ग्रन्थों में समय के महत्व को बताया गया है। मानव का प्रत्येक क्षण, प्रत्येक श्वांस अत्यंत बहुमूल्य है। ये जीवन क्षणभगुंर है यहाँ कुछ भी स्थायी नहीं। आना जाना यहाँ का नियम है। लोग जन्म लेते है और मर जाते है। ग्रह नक्षत्र अपनी धुरी पे घूमते रहते है। इसके साथ साथ लोगों में शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, एवं आध्यात्मिक स्तर पे अंतर आते रहते है। समय अपनी रफ़्तार से बढ़ता जा रहा है , किसी के जीवन की अवधि क्या ये कोई नहीं जानता ,इसलिए जरुरी है प्रत्येक क्षण के मूल्य को समझना और जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य प्राप्ति के लिए अग्रसर रहना। प्रभु के कर कमलों में प्रार्थना के साथ इस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। भक्तिमयी एवं प्रेरणाप्रद संगीत ने इस कार्यक्रम को एक दिव्य आयाम दिया। इसके साथ साथ प्रचारक शिष्यों द्वारा दिए ओजस्वी विचारों ने भी संगत को जीवन का वास्तविक उद्देश्य बताने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। स्वामी विद्यानंद जी ने आध्यत्मिक यात्रा के अपने अनुभवों को साँझा करते हुए बताया कि किस प्रकार मोक्ष प्राप्त की इच्छा एवं निरंतर ध्यान साधना ने उनके जीवन को एक नयी दिशा प्रदान की। उनके द्वारा दिए प्रेरणादायी एवं अविस्मरणीय विचारों ने उपस्थित जनसमुदाय को भावविभोर कर डाला।कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुगण, सेवादार, प्रचारक शिष्य आदि सभी ने कुम्भ की इस पावन भूमि पर जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा के साथ अपनी आत्मा को इन महान विचारों से तृप्त किया।