'साक्षर भारत, सशक्त भारत'। इस वाक्य को सार्थक करते हुए हमारे श्रद्धेय गुरुदेव सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से स्थापित मंथन- संपूर्ण विकास केंद्र एक संपूर्ण शिक्षा कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य समाज के अभावग्रस्त वर्ग बच्चों को मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान कर बच्चों का शारीरिक, अध्यात्मिक एवं बौद्धिक विकास करना है।मंथन- संपूर्ण विकास केंद्र के वार्षिक मूल्यांकन हेतु, दिल्ली के मुख्यालय से मंथन टीम द्वारा 21 मई से 1 जून, 2022 तक बिहार के मंथन संपूर्ण विकास केन्द्रों में वार्षिक मूल्यांकन दौरे का आयोजन किया गया। मंथन- संपूर्ण विकास केंद्र की संयोजिका साध्वी दीपा भारती जी और दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारक स्वामी यादवेंद्रानंद जी तथा साध्वी श्रवाणी भारती जी ने बच्चों के शैक्षणिक विकास की समीक्षा करने और भविष्य की उपलब्धियों में शिक्षकों का सहयोग करने के लिए बिहार स्थित मंथन संपूर्ण विकास केंद्र के चार केंद्रों पदमपुर, परसौनी, बोधगया और धनौजा ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया। मंथन के छात्रों द्वारा स्वागत कार्ड प्रदान कर दिल्ली से आने वाली मंथन टीम का हार्दिक स्वागत किया गया। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ- साथ, मंथन छात्रों के लिए एक मनोरंजक वातावरण बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं जहां बच्चों का समग्र रूप से विकास हो सके। मंथन के छात्रों द्वारा कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधियों जैसे योग प्रदर्शन, शानदार नृत्य प्रस्तुति, कविता पाठन और गायन का प्रदर्शन किया गया। इसके पश्चात् छात्रों और उनके कक्षा शिक्षकों का शैक्षणिक मूल्यांकन आरंभ हुआ। मंथन के शिक्षक गतिविधियों के साथ-साथ उच्च सदाचार-पूर्ण और नैतिक मूल्यों को प्रदान कर छात्रों के व्यक्तित्व को आकार देकर उनके जीवन को उत्कृष्ट बनाने में सदैव ही एक प्रेरक शक्ति रहे हैं। शिक्षकों द्वारा किए गए प्रयासों को मान्यता देते हुए, मंथन छात्रों और उनके अभिभावकों ने प्रशंसापत्र के माध्यम से अपने ह्रदय के भावों को सबके समक्ष रखा।
कोरोना जैसी महामारी ने बहुत ही कम समय में शिक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर बदलाव ला दिया है। मंथन की टीम द्वारा शिक्षकों के साथ डिजिटल कक्षाओं की समीक्षा पर चर्चा की गई ताकि आधुनिक तकनीकों के समावेश से और अधिक अनुकूल शैक्षणिक मॉडल को स्थापित किया जा सके। साध्वी दीपा भारती जी ने संबंधित केंद्रों पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए वंचित बच्चों को शिक्षित करने जैसे शुभ कार्य में योगदान देने के महत्व पर जोर दिया। इसके पश्चात् कार्यक्रम संबोधन में छात्रों की उन्नत प्रगति के उच्च कोटि के ट्रैकिंग रिकॉर्ड को पूरा करने के लिए शिक्षकों की सराहना की गई। इसके अतिरिक्त शैक्षिक मॉडल को सफल बनाने की निरंतरता में चुनौतियों और उनके समाधानों पर चर्चा करने के साथ-साथ सुधार की आवश्यकता वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर अपने विचार, सुझाव और प्रतिक्रिया देने के लिए शिक्षकों को भी प्रेरित किया गया।