संस्कारशाला एक मासिक कार्यशाला है जो दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के समग्र शिक्षा प्रकल्प मंथन संपूर्ण विकास केंद्र द्वारा 4 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आयोजित की जाती है। दृष्टिबाधित लोगों हेतु समर्पित संसथान का सामाजिक प्रकल्प, अंतर्दृष्टि के सहयोग से, अगस्त 2024 संस्करशाला का विषय रहा। देश भर में कुल 37 अंतर्दृष्टि संस्कारशालाओं को आयोजित किया गया जिसके माध्यम ने लगभग 1500 बच्चे लाभान्वित हुए । निम्नलिखित विद्यालयों में भी अंतर्दृष्टि संस्कारशाला का आयोजन किया गया।

1. महाराष्ट्र लातूर में स्वामी दयानंद स्कूल
2. हरियाणा डिवाइन चाइल्ड प्ले स्कूल, सेक्टर 91, फ़रीदाबाद

3. मध्य प्रदेश शास्किया हाई स्कूल, ग्वालियर
अंतरदृष्टि संस्कारशाला से बच्चों ने सीखा की जीवन की कठिन परिस्थितियां हमारा रास्ता रोकने के लिए नहीं, बल्कि हमारे भीतर एक साहस और शक्ति को बाहर लाने के लिए आती है। इन्ही बिन्दुओं पर विभिन्न सत्रों को आयोजित किया गया। एक सत्र में बच्चों ने उन विभूतियों के विषय में जाना जो दिव्यांग होते हुए भी समस्त चुनातियों और विषमताओं को पार कर गए और विविध क्षत्रों में सफलता पाकर समाज के लिए एक सुन्दर उदहारण बन गए जैसे पैरा-तैराक भारत कुमार, अंडर-19 तमिलनाडु महिला क्रिकेट टीम की कप्तान प्रीती, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली दिव्यांग महिला अरुणिमा सिन्हा आदि। ऐसी ही विभिन्न सकारात्मक व प्रेरणादायक कहानियों एवं रोचक गतिविधयों के माध्यम से बच्चों ने सीखा कैसे वे अपने भीतर सकारात्मकता, आत्मविश्वास, व सहानुभूति जैसे गुणों को ला सकते हैं। कार्यशाला में अंतर्दृष्टि सामाजिक प्रकल्प पर प्रकाश डालते हुए प्रस्तुतियाँ और वीडियो भी सम्मिलित थे, जिससे बच्चों ने जाना की कैसे अंतर्दृष्टि प्रकल्प द्वारा समाज के एक बहुत बड़े वर्ग को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर उनके भीतर कौशल एवं आत्मसम्मान विकसित किया जा रहा है। समग्र विकास के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से, ऐसी कार्यशालाएँ बच्चों को अपने विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से परिवर्तनकारी व्यक्ति बनने का मार्ग प्रशस्त करती हैं।