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संस्कारशाला एक मासिक कार्यशाला है, जो दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के समग्र शिक्षा कार्यक्रम मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा 4 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आयोजित की जाती है। जुलाई 2024, संस्कारशाला का विषय, ‘अंतरक्रांति संस्कारशाला’ रहा। अंतरक्रांति – दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का बंदी सुधार और पुनर्वास कार्यक्रम है जो लगभग दो दशकों से भारत की विभिन्न जेलों में कैदियों के सुधार एवं पुनर्वास हेतु कार्यरत्त है।

ANTARKRANTI SANSKARSHALA: Inspiring Stories, Lasting Impact | July, 2024 | DJJS Manthan SVK

जुलाई 2024 माह में कुल 26 अंतरक्रांति संस्कारशालाओं का आयोजन किया गया। इन संस्कारशालाओं से देश भर के विभिन्न विद्यालयों और दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के केन्द्रों में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यमों से लगभग 800 बच्चे लाभान्वित हुए । अंतरक्रांति संस्कारशालाओं का आयोजन दिल्ली स्थित कंझावला और कुतुबगढ़ के सरकारी सर्वोदय कन्या विद्यालय में भी आयोजित किया गया।

अंतरक्रांति संस्कारशाला के माध्यम से बच्चे आत्म-चिंतन की ओर प्रेरित हुए। बच्चों ने रोचक गतिविधियों, केस स्टडीज एवं प्रेरणादायक कहानियों के माध्यम से यह जाना की किस प्रकार अपराध व आपराधिक वृत्तियों से  व्यक्ति के सम्पूर्ण चरित्र का हनन हो जाता है । बच्चों को सही व गलत आदतों में अंतर कैसे करें यह सीख मिली। तदुपरान्त बच्चों को अंतरक्रांति- सामाजिक प्रकल्प से परिचित कराया गया व साथ ही एक वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से बच्चों ने तिहाड़ जेल के एक पूर्व कैदी की प्रेरणादायक यात्रा को देखा, जिसकी गहरी छाप बच्चों के मन व मस्तिष्क पर अंकित हुई।

ANTARKRANTI SANSKARSHALA: Inspiring Stories, Lasting Impact | July, 2024 | DJJS Manthan SVK

दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी का कथन है “अपराधी से नहीं अपराध से घृणा करो”, इस दिव्य सूत्र के साथ अंतरक्रांति संस्कारशाला का समापन हुआ व बच्चों ने यह संकल्प लिया कि वे कभी भी किसी अपराधिक भाव या कर्म को अपने जीवन में नहीं करेंगे।

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