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संस्कारशाला दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सम्पूर्ण शिक्षा कार्यक्रम मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा आयोजित ऑनलाइन व ऑफलाइन कार्यशाला है जो 4 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आयोजित  की जाती है। नवंबर माह की संस्कारशाला का विषय था बौद्धिक संस्कारशाला

BAUDHIK SANSKARSHALA - Unique Workshop for Children | November, 2022 | DJJS Manthan SVK

बच्चे बहुत सरल मन व अत्याधिक जिज्ञासु होते हैं। वे अपने आस-पास हो रही प्रत्येक गतिविधि को गौर से देखते हैं व उससे सीखते हैं। यदि उनको बौधिक रूप से विक्सित करना है तो यह आवश्यक है कि उन्हें पूर्ण रूपेण सकारात्मक वातावरण दिया जाए ताकि उनका विकास बेहतर रूप से हो सके। मंथन द्वारा देश भर में आयोजित, नवंबर माह की बौधिक संस्कारशालाओं ने बच्चों को रोचक गितिविधियों के माध्यम से बुद्धि एवं स्मरण शक्ति को विकसित करने के तरीके सिखाए गए। इन गितिविधियों से न केवल उनकी आध्यात्मिक चेतना जागृत हुई बल्कि उनकी निर्णय लेने की क्षमता में भी विकास देखा गया। देशभर में कुल 51 बौद्धिक संस्कारशालाओं का आयोजन किया गया जिसमें 3349 छात्रों ने भाग लिया।

पूरे भारत में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की विभिन्न शाखाओं समेत भारत के कुछ विद्यालयों में भी बौद्धिक संस्कराशाला का आयोजन किया गया। सूरजमल जालान बालिका शिक्षा सदन, डिब्रूगढ़; डिब्रूगढ़ बंगाली हाई स्कूल, असम; मिडिल स्कूल, धर्मडीहा, जिला- मधुबनी, बिहार, जिला परिषद प्राथमिक स्कूल, ए/पी सिरसोली और जेड पी माध्यमिक मराठी हाई स्कूल, अदगांव खुर्द, अकोला, अमरावती, महाराष्ट्र जैसे स्कूलों में कार्यशालाऍं आयोजित की गईं।

BAUDHIK SANSKARSHALA - Unique Workshop for Children | November, 2022 | DJJS Manthan SVK

प्रत्येक कार्यशाला सत्र की शुरुआत ध्यान और श्लोक उच्चारण के साथ हुई। इस तरह कि आध्यात्मिक शुरुआत से छात्रों को समझाये गये विषयों पर ध्यान एकाग्र करने में मदद मिलती है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारकों और कार्यकर्ताओं ने छात्रों में उत्साह पूर्वक सोचने-समझने, जीवन में आगे बढने और स्वयं को ईश्वरीय शक्ति से जोड़े रख अपनी क्षमताओं के उत्थान के लिए प्रेरित किया। सत्रों को अत्यधिक संवादात्मक और मजेदार बनाया गया ताकि प्रत्येक बच्चा अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से रख सके। प्रचारकों ने छात्रों को विभिन्न प्रस्तुतियों और गतिविधियों के माध्यम से सीखाने का प्रयास किया। प्रचारकों ने पृथ्वी को बचाने के लिए हमारे द्वारा किए जाने वाले बाहरी कार्यों के साथ-साथ ध्यान के महत्व पर भी चर्चा की। कार्यशाला के अंत में बच्चों ने गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के श्री चरणों में वंदन करते हुए अच्छा जीवन जीने का संकल्प लिया। तदोपरांत, शांति पाठ के साथ इस सत्र का समापन किया गया।

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