भक्तों की दिव्य आध्यात्मिक जिज्ञासा को अधिक प्रबल करने के लिए गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) की महती कृपा और आशीर्वाद से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 21 मई, 2022 को कपूरथला, पंजाब में एक भजन संध्या 'भज गोविंदम' नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साध्वी सुमेधा भारती जी ने भक्तों की विशाल सभा को भक्ति संगीत के पीछे छिपे दिव्य विज्ञान के बारे में बताया। शिष्य संगीतकारों द्वारा रचित भावपूर्ण मधुर भजनों ने उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर आध्यात्मिक पथ की ओर प्रेरित किया। कार्यक्रम में श्री ब्रह्म शंकर जिम्पा (कैबिनेट मंत्री, पंजाब सरकार (और श्री राणा गुरजीत सिंह (विधायक, कपूरथला) सहित कई सम्माननीय अतिथियों ने भाग लिया।
साध्वी जी ने समझाया कि आध्यात्मिक रूप से जागृत होने के बाद भगवान की स्तुति में गाया जाने वाला भक्ति संगीत जीवन के सभी रोगों व समस्याओं के लिए एक कारगर आध्यात्मिक उपचार है। भजन सकारात्मक ऊर्जा और ज्ञान को विकसित करते हैं और एक भक्त को अपने मन और ध्यान को ईश्वर पर केंद्रित करने के लिए प्रेरित करते हैं। परंतु ऐसी भक्तिमय अवस्था केवल बाहरी रूप से ईश्वर की आराधना करने से ही प्राप्त नहीं हो सकती। बल्कि आत्म-साक्षात्कार आंतरिक गुणों को जागृत कर हमें पूर्ण सुख और आनंद अनुभव करने में सक्षम बनाता है।
संस्थान प्रतिनिधि ने बताया कि दुनिया मे यह माना जाता है कि भगवान के नाम का जप मोक्ष और शांति प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका है लेकिन वास्तविकता यह है कि बहुत कम लोग भगवान के 'शाश्वत नाम' को पहचानते हैं। ऐसा नाम जो शाश्वत है और किसी बाहरी धार्मिक मान्यताओं व पद्धितियों पर आधारित नहीं है। उन्होनें समझाया कि 'ब्रह्मज्ञान' के दिव्य उपकरण द्वारा ध्यान की सही तकनीक सीखी जाती है जो प्रभु के उस शाश्वत नाम को प्रकट कर देती है। ऐसे 'शाश्वत नाम' का जप करने से ही भक्तों में दिव्य गुण और जीवन के लिए सकारात्मक शक्ति प्रकट होती है। भीतर और आसपास सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। परंतु दिव्य आध्यात्मिक संवर्धन के लिए और प्रभु के शाश्वत नाम के प्रकटीकरण के लिए व्यक्ति को महान गुरु के चरण कमलों में आत्मसमर्पण करना चाहिए और उनके निर्देशों का दृढ़ता से पालन करना चाहिए। शिष्य को गुरु का एक आदर्श साधन बन मानवता के लिए अपनी सारी ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोग भक्ति संगीतमय दिव्य भजनों और सरस व प्रेरणादायक विचारों से प्रभावित हुए। एक नए आध्यात्मिक उत्साह को महसूस करते हुए सभी आनंदित नज़र आए।