दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने दिव्य भक्ति संगीत कार्यक्रम (भजन संध्या) का आयोजन 4 दिसंबर 2021 को चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा (हरियाणा) में किया। इस कार्यक्रम का नाम रखा गया- ‘भावांजलि’। जैसा की नाम ही प्रकट कर रहा है, इसमे भक्ति गीतों के गायन के माध्यम से विश्व शांति के लिए प्रार्थना की गई। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की साध्वी शिष्या वैष्णवी भारती जी ने वर्तमान दुनिया के अनुरक्षण के लिए इरादों में ईमानदारी की आवश्यकता को स्पष्ट किया।
आज हम मानव की समृद्धि के लिए आविष्कार पर आविष्कार करने में व्यस्त हैं। पर तब भी खुशी हमसे दूर ही रहती है। हमारा बिखरा हुआ मन शांति और आनंद के लिए हर दिशा में दौड़ता है, किन्तु ज़्यादातर केवल खाली हाथ ही लौटता है। पर सोचें, क्या हमारे जीवन में शांति को पाना इतना असंभव है? बिल्कुल नहीं। हमारी महान भारतीय संस्कृति व परम्परा ऐसे कई प्रेरणादायक उदाहरणों से भरी हुई है जो साबित करते हैं कि शांति को प्राप्त करना न केवल हमारी पहुंच के भीतर है, बल्कि इसकी उपलब्धि करना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। उदाहरण के तौर पर, जब दानवराज रावण ने हनुमान जी की पूंछ में आग लगाई तब भी वह एक पल के लिए भी नहीं घबराए। बल्कि हनुमान जी ने अपनी पूंछ की आग से ही पूरी लंका नगरी को जला दिया। हम सोचें, ऐसी स्थिति में भी वह शांत कैसे रह पाए। प्राचीन भारतीय आध्यात्मिक ग्रंथों में इस बात का उल्लेख है कि हनुमान जी एक आत्म-जागृत थे। उन्हें उनके गुरुदेव स्वयं सूर्यदेव से ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। और इसी ज्ञान के बल पर वह हर परिस्थिति में भी अडिग रहे, शांत रहे।
सौभाग्य से जिस दिव्य ज्ञान (ब्रह्मज्ञान) की उपलब्धि हनुमान जी को हुई थी, वह युगों से आज भी अस्तित्व में है और अभी भी सुलभ है। जिस तरह यह ज्ञान हनुमान जी को अपने गुरुदेव द्वारा दिया गया था ऐसे ही हम सभी को भी एक सच्चे आध्यात्मिक सतगुरु की आवश्यकता है। केवल एक गुरु ही हमारी दिव्य दृष्टि उजागर कर हमें दिव्य प्रकाश से रोशन करते हैं । इसी दिव्य प्रकाश में स्नान कर हमारा मन एकाग्र हो जाता है और हम अपने ही भीतर उस परम शांति का अनुभव कर पाते हैं।
अंत में, साध्वी जी ने सभी दर्शकों को अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू करने का आग्रह किया। साथ ही, भीतर परमात्मा का दर्शन करवाने वाले एक सच्चे गुरु की खोज करने को भी प्रेरित किया। साध्वी जी ने उपस्थित श्रोताओं को निमंत्रण देकर कहा कि दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वार परमात्म-दर्शन हेतु सभी के लिए सदा खुले हैं। कार्यक्रम में गणमान्य अतिथियों के रूप में श्रीमती सुनीता दुग्गल (संसद सदस्य, सिरसा), प्रो. अजमेर सिंह मलिक (वाइस-चान्सेलर, सीडीएलयू, सिरसा), डॉ. राकेश वधवा (रजिस्ट्रार, सीडीएलयू, सिरसा) उपस्थित रहे। सभी दर्शकों व गणमान्य अतिथियों ने इस आयोजन की खूब सराहना की। अतिथियों ने विशेष रूप से संस्थान द्वारा समाज में युवाओं के बीच इस तरह के प्रेरक कार्यक्रम करने की आवश्यकता पर बल भी दिया।