गुरुदेव सर्व श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संस्थापित दिव्य ज्योति वेद मंदिर एक शोध व अनुसंधान संस्था है जिसका एकमात्र ध्येय प्राचीन भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान द्वारा सामाजिक रूपांतरण करना है।
वैदिक संस्कृति के प्रसार एवं वेदमंत्रोच्चारण की मौखिक परम्परा को कायम करने तथा संस्कृत भाषा को व्यवहारिक भाषा बनाने हेतु दिव्य ज्योति वेद मंदिर देश भर में कार्यरत है।
इसी कड़ी में वैश्विक महामारी COVID-19 के लॉकडाऊन अवधि में भी दिव्य ज्योति वेद मंदिर द्वारा विश्व स्तर पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी की नियमित कक्षाएं प्रारंभ की गई जिनमें वेद मंत्रों के विशुद्ध व सस्वर उच्चारणपाठ सिखाया जा रहा है। इनमें से अभी-अभी पूर्ण हुई नवम् बैच का 10 फरवरी२०२1 को प्रशस्तिपत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया जिसका संचालन रुद्री कक्षा के शिक्षक श्री निमिष नंदा ने किया। इस दीक्षांत समारोह का शुभारंभ गुरु अष्टकम् के मधुर गायन से किया गया। तत्पश्चात् quiz के माध्यम से शिक्षकों ने अपने विद्यार्थियों के अधिगम का परीक्षण किया। इसके अनन्तर रुद्री कक्षा के विद्यार्थियों ने अपने -अपने अनुभवों को सांझा करते हुए बताया कि लॉकडाऊन की इस संकटपूर्ण स्थिति में भी गुरुदेव की कृपा से घर बैठे हीं उन्हें रुद्री की अनुपम सेवा प्राप्त हुई जिसके फलस्वरूप वे वेदमंत्रों के विलक्षण प्रभाव का साक्षात् अनुभव कर पाये । साथ ही संस्कृत भाषा में रचित वैदिक धरोहर से परिचित होकर उसका सस्वर पाठ सीख पाये जिसके परिणामस्वरूप उनके उच्चारण में भी परिष्कार हुआ और सर्वत्र सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ।
इस कार्यक्रम में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारक स्वामी चिन्मयानंद जी भी उपस्थित थे। उन्होनें महाराज जी की आशा को विचारों के माध्यम से सभी के समक्ष रखते हुए बताया कि हमारी संस्कृति का आधार वेद है और उस वेदमंत्रों को सीखने की सेवा महाराज जी ने हमें प्रदान की है , अतः हम निरन्तर अभ्यास करके मन्त्रपुष्प महाराज श्री के चरणों में अर्पित करें।
इसके अनन्तर दिव्य ज्योति वेद मंदिर के २०२०-२०२1 सत्र के क्रियाकलापों व गतिविधियों को लघु वीडियो के माध्यम से दिखाया गया। कार्यक्रम के अंत में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की प्रचारिका साध्वी दीपा भारती जी ने सभी को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। सर्वप्रथम उन्होनें सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि आज के इस दीक्षांत समारोह को उद्घाटन समारोह की तरह लें और डट कर विशुद्ध भावना से अभ्यास करें ताकि आगे भी रुद्री की सेवा मिल सके । तत्पश्चात् उन्होनें रुद्री के शिक्षकों व छात्रों को सफलतापूर्वक कक्षा पूर्ण करने के लिए ढेर सारी बधाइयां दी। इसके साथ ही संस्थान के प्रबंधकों व एडमिन टीम को भी सारी व्यवस्था के संयोजन हेतु धन्यवाद दिया। तदनन्तर छात्रों के प्रशस्ति पत्र भी दिखाये गए । अंत में सभी के मंगल की कामना करते हुए कार्यक्रम को विराम दिया गया।