शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से छात्रों में एक अनुभूति जागृत होती है, जिससे वे भारत की विभिन्नताओं जैसे-इतिहास, विज्ञान, शिष्टाचार और प्रकृति को व्यक्तिगत रूप से जान पाते हैं। मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र भी बच्चों के ज्ञान वर्धन हेतु समय-समय पर शैक्षणिक भ्रमण आयोजित करता रहता है और इसी सन्दर्भ में मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र के दिल्ली स्थित मंगोलपुरी, रिठाला और शकूरपुर केंद्रों ने 12 जनवरी 2020 को प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित किए जा रहे 28वें विश्व पुस्तक मेले में एक शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया।
एशिया के सबसे बड़े पुस्तक मेला में प्रत्येक वर्ष बाल मंडप मे बच्चो के लिए विभिन्न गतिविधियों को आयोजन किया जाता है जिसमें विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों के छात्र- छात्रा पूरे उत्साह के साथ भाग लेते है। इस वर्ष भी छात्रों के अनावरण हेतु कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमे मंथन के लाभार्थी छात्रों द्वारा भारतीय संस्कृति के पुनरुथान एवं संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु “सुभाषितानि” वंदन का गायन तथा वंदना पर रोचक व सरल ढंग से व्याख्यान प्रस्तुत किया। मंथन संपूर्ण विकास केंद्र के लाभार्थी छात्रों की प्रतिभा की सभी दर्शकों ने भूरी भूरी प्रशंसा की।
अंत में बच्चों ने पुस्तक स्टॉल एवं आकर्षक प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा आयोजकों ने बच्चों से पुस्तकों के महत्त्व पर विस्तृत चर्चा की उन्हें पुस्तकें पढने के लिए प्रेरित किया। बच्चों ने अपनी रूचि की किताबों से समन्धित अनेकों प्रश्न पूछे।
इस शैक्षणिक यात्रा का उद्देश्य बच्चों में पुस्तकों के प्रति खोई रुचि को दोबारा जागृत करना था क्योंकि पुस्तकें न केवल हमारी मार्गदर्शक, मित्र एवं एकांत की सहचर हैं। यह हमारे अंदर मानवीय गुणों का विकास भी करती हैं।