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वैदिक संगोष्ठी, वैश्विक स्तर पर दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा आरम्भ की गई वैदिक बैठकों की एक अनूठी श्रृंखला है जिसका उद्देश्य संगठित प्रयासों द्वारा वैदिक मूल्यों एवं संस्कारों का संरक्षण, संवर्धन, प्रचार व विस्तार करना है।

Dakshina Bharata resonated with Vedic vibes through grand Vedic Sangoshthi organised by Divya Jyoti Ved Mandir

इसी श्रृंखला में 12 नवम्बर २०२२ को एक वैदिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का भव्य आयोजन डॉ. बी. आर. अम्बेडकर भवन, मल्लासंद्र, बेंगलुरु, कर्नाटक में किया गया। दिव्य ज्योति वेद मन्दिर ने 'वैश्विक विष्णु सहस्रनाम सत्संग संघ' और 'अखिल भारतीय विष्णु सहस्रनाम सांस्कृतिक महासंघ' के साथ मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के शुभम् क्रियान्वन हेतु  नई दिल्ली मुख्यालय से साध्वी दीपा भारती जी, अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्षा समेत दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के वैदिक अनुरक्तों की टीम का आगमन हुआ|

कार्यक्रम के प्रथम चरण में, दक्षिण भारतीय परम्परानुसार कलश स्थापित किया गया, तदोपरान्त, श्री महागणपति आह्वान व संकल्प किया गया। इसके बाद, 'वैश्विक विष्णु सहस्रनाम सत्संग संघ' एवं 'अखिल भारतीय विष्णु सहस्रनाम सांस्कृतिक महासंघ' से पधारीं महिला वेद पाठियों ने सस्वर श्री रुद्र प्रश्न का सामूहिक वाचन किया। तद्पश्चात, साध्वी दीपा भारती जी, ने सभी वैदिक अनुरक्तों को दिव्य ज्योति वेद मन्दिर की गतिविधियों से विशेष वीडियो प्रस्तुति द्वारा अवगत करवाया। सभी आगंतुकों एवं प्रेक्षक जनों ने दिव्य ज्योति वेद मन्दिर की उत्तर भारत में हुई पूर्व संगोष्ठियों व शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी (माध्यन्दिन शाखा) के ऑडियो-विसुअल के संकलन की अधिकाधिक प्रशंसा की।

Dakshina Bharata resonated with Vedic vibes through grand Vedic Sangoshthi organised by Divya Jyoti Ved Mandir

कार्यक्रम के दुसरे चरण में, 'वैश्विक विष्णु सहस्रनाम सत्संग संघ', 'अखिल भारतीय विष्णु सहस्रनाम सांस्कृतिक महासंघ' और दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के कार्यकर्ताओं ने श्री विष्णु सहस्रनाम का २७ नक्षत्रमाला वाचन किया। १३ घंटे से भी अधिक चले इस कार्यक्रम ने समस्त वातावरण को वैदिक तरंगों, सांस्कृतिक ऊर्जा व सकारात्मक-दिव्य आभा से ओतप्रोत कर दिया।

वहीं, दिव्य ज्योति वेद मन्दिर की टीम व् साध्वी दीपा भारती जी ने कार्यक्रम में निम्नलिखित वैदिक विद्वत जनों से भेंट की-

  • विद्या वाचस्पति डाॅ. अरलूमल्लिगे पार्थसार्थी, संस्थापक 'वैश्विक विष्णु सहस्रनाम सत्संग संघ
  • श्रीमती उषा चिदंबरम, संयुक्त सचिव, 'अखिल भारतीय विष्णु सहस्रनाम सांस्कृतिक महासंघ', चेन्नई
  • कुमारी अनीता, शिक्षक विश्वास चैरिटेबल ट्रस्ट, चेन्नई
  • श्री जयकुमार पी, संस्थापक व अध्यक्ष, श्री पांडुरंग विष्णु सहस्रनाम ,मंडली

 

दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के कार्यकर्ताओं ने विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। साध्वी उन्मेषा भारती जी ने दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के चरण कमलों में अपना आभार प्रकट करते हुए उपस्थित अतिथि जनों, कार्यकर्ताओं व वैदिक अनुरक्तों का धन्यवाद प्रकट किया व सभी को वेदों में निहित सार सन्देश अर्थात ब्रह्मज्ञान का सन्देश दिया।

कार्यक्रम को श्री गोविन्द नामावली व कोलाता लोक नृत्य के साथ अंतिम क्षणों की ओर ले जाया गया एवं अंत में सभी ने महा मंगलारती, कलश विसर्जन और महाप्रसादम् के साथ इस विलक्षण वैदिक संगोष्ठी को विराम दिया।

वैदिक संगोष्ठी के रूप में इस वैदिक क्रान्ति के माध्यम से सभी विद्वत जनों ने संस्कृत, संस्कार व संकृति के प्रचार एवं प्रसार के लिए दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के साथ भविष्य में विभिन्न गतिविधियों में संलग्न होकर सहयोग की इच्छा व्यक्त की। दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की अनुकम्पा से यह गर्व और सम्मान का विषय है कि दक्षिण भारत में, जहां शुक्ल यजुर्वेद का प्रचलन न्यून है, दिव्य ज्योति वेद मन्दिर ने अपने अथक प्रयासों के माध्यम से सभी के मानसपटल पर उल्लेखनीय छाप छोड़ी है।

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