बच्चों की भावनाएं सूक्ष्म एवं तीक्ष्ण होती हैं। दूसरे शब्दों में, वे इतने कोमल तथा संवेदनशील होते हैं कि जीवन की साधारण-सी समस्याओं में भी मानसिक कष्ट का गहरे स्तर तक अनुभव करते हैं। मानसिक विकास के अभाव में वे सोच नहीं पाते कि किस समस्या का कैसे निवारण किया जाये। यही कारण है कि स्कूली परीक्षाओं के दिन बच्चों के लिए तनावपूर्ण भरे हो जाते हैं। कोरोना द्वारा उत्पन्न अनिश्चितता ने इस बाधा को और भी गंभीर कर दिया है। किंतु तनाव के क्षणों का यदि सही प्रकार से सुनियोजन किया जाये, तो विकट-से-विकट परिस्थिति भी जीवन में उन्नति का कारण बन सकती है। इसके लिए इन बच्चों को सही समय पर सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, जिसके लिए मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र समय-समय पर "करियर काउंसलिंग सत्र" का आयोजन करता रहता है। इसी दिशा में क़दम बढ़ाते हुए मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र ने 9 जनवरी 2021 को अपने पूर्व छात्रों के लिए एक विशेष वेबिनार का आयोजन किया, जिसका विषय था- नींव-How to overcome Exam Anxiety।
मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान(DJJS) द्वारा संस्थापित एवं संचालित एक सामाजिक प्रकल्प है, जो अनेक वर्षों से समाज के अभावग्रस्त बच्चों को मूल्याधारित और नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर उनके व्यक्तित्व का संपूर्ण रूप से विकास करने में संलग्न है।
सत्र की अध्यक्षता DJJS की प्रचारिका साध्वी डॉ शिवानी भारती ने की। उन्होंने रोचक वीडियो के माध्यम से बच्चों को परीक्षा के दिनों में होने वाले तनाव के हानिकारक प्रभाव के प्रति जागरूक किया, जिसमें उन्होंने तनाव के मुख्य कारणों का भी ज़िक्र किया, जैसे अनुशासनहीनता, जीवन में समय-पाबंधता और एकाग्रता का अभाव आदि। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के जीवन के उदाहरण द्वारा एकाग्रता और समय-प्रबंधन के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि जीवन की अधिकतर परेशानियाँ समय के उचित प्रबंधन न करने के कारण है। समय का उचित उपयोग और संतुलित नीति अपनाकर व्यक्ति जीवन की किसी भी परीक्षा का सामना करने में सक्षम हो जाता है। इसके लिए उन्होंने एक सटीक समय-सारणी तैयार की जिसमें उन्होंने दैनिकचर्या में शिक्षा के साथ शारीरिक संतुलन बनाए रखने हेतु योग को भी शामिल किया। इसके अलावा उन्होंने "ध्यान-साधना" के महत्व पर प्रकाश डालते हुए समझाया कि ध्यान-साधना के निरंतर अभ्यास से मानव-मस्तिष्क में सकारात्मक तरंगें उत्पन्न होती हैं जो व्यक्ति को एकाग्रता, स्थिरता और मानसिक संतुलन प्रदान करती है। ऐसे ही कुछ अन्य प्रेरणादायी विचारों से उन्होंने छात्रों को लाभान्वित किया तथा जीवन के हर संघर्षों में वे स्वयं को प्रेरित रख सकें, ऐसी आशा के साथ सत्र को विराम दिया।