आधुनिक विज्ञान ने आज लगभग सभी क्षेत्रों में प्रगति की है, और निस्संदेह बीमारी के क्षेत्र में भी I यह विरोधाभास जरुर है, किन्तु आधुनिक युग को वैज्ञानिक युग के साथ-साथ बीमारियों का युग कहना अनुचित नहीं होगा I वह देश जिसने संपूर्ण विश्व को योग की परिभाषा से परिचित कर उसको अपने जीवन में ढालने का तरीका सिखाया, वही देश आज बीमारियों का पर्याय बन चुका है I बचपन में ही बच्चे बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं I समाज को इस गंभीर समस्या से बचाने के एक छोटे से प्रयास में मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र समय-समय पर सामान्य स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन करता रहता है I इसी श्रृंखला में मंथन ने अपनी दिल्ली स्थित दो शाखाओं द्वारका (नई दिल्ली 110075) में 28 अक्टूबर, 2018 को एक दिवसीय सामान्य स्वास्थ्य जांच शिविर और मंथन-एस.वी.के, विकासपुरी- (नई दिल्ली 110018), में 31 अक्टूबर, 2018 को दन्त चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जिसमें बच्चों की स्वास्थ्य जांच कराई गयी I मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का एक सामाजिक प्रकल्प है जो देश के अभावग्रस्त बच्चों को मूल्याधारित शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उनके संपूर्ण व्यक्तित्व विकास की ओर अग्रसर है I ऐसे बच्चे जिनके माँ बाप उनकी स्वास्थ्य सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करना तो दूर उनकी मौलिक आवश्यकतायों को भी पूरा करने में असमर्थ हैं, ऐसे में ये बच्चे समाज की ज़िम्मेदारी बन जाते हैं ताकि हमारे देश में कोई भी बच्चा मौलिक अधिकारों से वंचित न रह पाए I मानवता की इस श्रंखला में हमारा सहयोग किया है डॉ पुनिया जी और दन्त चिकित्सक अंचिता महाजन जी ने I मेडिकल जांच में बच्चों में कुछ सामान्य बीमारियाँ पाई गई जैसे कुपोषण, लीवर, पेट एवं दांत सम्बन्धी समस्याएँ आदि I स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से बच्चों के साथ उनके माता-पिता की भी जांच की गयी I डॉक्टरों ने स्वास्थ्य की परिभाषा को और स्पष्ट करते हुए बताया कि स्वास्थ्य का मतलब केवल शारीरिक रूप से फिट और किसी भी बीमारी से मुक्त होना नहीं है I एक व्यक्ति स्वस्थ तब कहलाता है जब वह शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और संज्ञानात्मक रूप से मज़बूत हो एवं आध्यात्मिक रूप से जाग्रत हो I डॉक्टर ने स्वास्थ्य को अनुकूलित करने और सेहतमंद रहने के लिए बहुत ही सरल एवं कारगार उपाए बताये I उन्होंने बताया कि आपके आहार में विशेष रूप से ताज़े फल और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल होनी चाहिए I इसके साथ ही उन्होंने कुछ अन्य सुझाव दिए जिनमे तेल, मीठा और जंकफूड की खपत को कम करना, रोजाना पर्याप्त नींद लेना, नियमित रूप से व्यायाम व ध्यान का अभ्यास करना आदि शामिल है I अंत में दोनों डॉक्टरों को उनके बहुमूल्य समय एवं अपने सुझाव देने के लिए उनका धन्यवाद किया गया I मंथन के किसी भी कार्य का श्रेय दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक व संचालक सर्व श्री आशुतोष महाराज जी को जाता है I
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