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गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक और संचालक, डीजेजेएस) की महती कृपा से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 18 जून 2022 को भिवाड़ी, राजस्थान में 'भावांजली' नामक भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम डीजेजेएस की गुरुग्राम, हरियाणा शाखा द्वारा आयोजित किया गया। सम्पूर्ण कार्यक्रम आध्यात्मिक विवेचना व् मधुर भक्ति गीतों की सुंदर श्रृंखला थी। कार्यक्रम का संचालक साध्वी श्वेता भारती जी ने किया। विभिन्न क्षेत्रों से भक्त श्रद्धालु बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में शामिल हुए और आध्यात्मिक रूप से लाभान्वित हुए। 

Devotional Concert at Bhiwandi Reiterated the Need for Spiritual Growth through Brahm Gyan

साध्वी जी ने कहा कि जीवन का उद्देश्य अपने भीतर परमात्मा का अनुभव करना है, पर हम अपना समय और प्रयास संसार में सफल होने के लिए ही लगाते हैं। यहाँ तक कि इसके लिए हम बड़े-बड़े बलिदान तक कर जाते हैं। परंतु संसार की ये सफलता अस्थायी हैं, इसलिए इस दुनिया में हम जो कुछ भी प्राप्त करते हैं, वह उसी अस्थायीता से चिह्नित होता है। इसके विपरीत, आंतरिक दुनिया में किया गया आध्यात्मिक विकास स्थिर रहता है। यही कारण है कि मानव जीवन का प्रमुख लक्ष्य भीतर की दिव्यता का साक्षात्कार करना है। और ऐसा करने हेतु एकमात्र तरीका “ब्रह्मज्ञान” एक सच्चे आध्यात्मिक गुरु द्वारा प्रदान किया जाता है।

साध्वी जी ने समझाया कि प्राचीन भारतीय पवित्र संस्कृत ग्रंथों के अनुसार ब्रह्मज्ञान ही एकमात्र ऐसा साधन है जिसके द्वारा परमात्मा से वास्तविक संबंध संभव है। ब्रह्मज्ञान बाहरिए प्रयास से प्राप्त नहीं किया जा सकता, न ही इसे भाषा के माध्यम से पढ़ा या समझा जा सकता है। ब्रह्मज्ञान प्राप्ति हेतु पूर्ण गुरु की शरण लेना अनिवार्य है क्योंकि मात्र गुरु ही आध्यात्मिक शिखर का मार्ग जानते है। अध्यात्म में एक प्रबुद्ध गुरु की कृपा के बिना व्यक्तिगत प्रयास फलित नहीं होता।

Devotional Concert at Bhiwandi Reiterated the Need for Spiritual Growth through Brahm Gyan

ऐसा इसलिए... क्यूंकी ब्रह्मज्ञान द्वारा सतगुरु ही हमारे त्रितये नेत्र को खोलते हैं और साथ ही साथ हमारे भीतर शाश्वत नाम को भी सक्रिय कर देते हैं। हर श्वान्स में प्रभु के शाश्वत नाम का अभ्यास ही हमें भीतर से पूर्णरूपेण जागृत करता है और हमारे हर कर्म को सफल भी बनाता है। यही नहीं, हमारा व्यक्तित्व भी दिव्य बनता जाता है। हमारा यही आंतरिक परिवर्तन, निश्चित रूप से बाहरी दुनिया को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और एक शांतिपूर्ण समाज की स्थापना में सहायक बनता है।  

कार्यक्रम को निष्कर्ष पर पहुँचाते हुए साध्वी जी ने उपस्थित श्रोताओं से एक सच्चे गुरु और ब्रह्मज्ञान को खोजने का आग्रह किया। दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन मे दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान इसी ज्ञान का प्रचार कर रहा है। इसलिए साध्वी जी ने डी.जे.जे.एस के साथ अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू करने के लिए सभी भक्तों का हार्दिक स्वागत किया।

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