दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) की महती कृपा से 10 अप्रैल 2022 को वैष्णो माता मंदिर, मंडी डबवाली, सिरसा, हरियाणा में एक भजन संध्या कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुरुदेव की शिष्या साध्वी सौम्या भारती जी ने ओजस्वी विचारों के माध्यम से आंतरिक जागृति का संदेश दिया। साध्वी जी ने भक्ति गीतों की व्याख्या द्वारा उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया कि सच्ची भावनाएँ बिना शब्दों की प्रार्थना के समान होती हैं। वे हमें भीतर से परमात्मा से जोड़ती हैं।
साध्वी जी ने आगे कहा कि समय-समय पर जब वह ईश्वर धरा पर अवतरित होते हैं, तो वे हमें जीवन में अध्यात्म के महत्त्व को समझाते हैं। श्री राम की जीवन गाथा का उदाहरण देते हुए उन्होंने समझाया कि भगवान श्री राम का जीवन अनेकों चुनौतियों से भरा हुआ था। परन्तु उन्होंने किसी भी विकट परिस्थिति में अपना संतुलन कभी नहीं खोया।
जीवन में गुरु की अनिवार्यता के विषय में बताते हुए साध्वी जी ने कहा कि स्वयं श्री राम जी ने भी गुरु वशिष्ठ जी द्वारा दिव्य ज्ञान की दीक्षा प्राप्त की थी। परमात्मा को जानने की प्रक्रिया को ब्रह्मज्ञान कहा जाता है। आप भी ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। परन्तु उसके लिए आपको एक पूर्ण गुरु का सान्निध्य प्राप्त कारण होगा।
आज दुनिया को पहले से कहीं ज्यादा शांति और सद्भाव की ज़रूरत है। हम सभी एक शांतिपूर्ण दुनिया बनाने में योगदान तभी दे सकते हैं जब हम अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर हों। दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी वर्तमान समय के एक सच्चे व पूर्ण आध्यात्मिक गुरु हैं। कोई भी दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान से ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर सकता है और ईश्वर दर्शन कर अपनी आध्यात्मिक उन्नति आरम्भ कर सकता है। साध्वी जी ने यह कहकर कार्यक्रम का समापन किया कि यदि हम दुनिया को बदलना चाहते हैं, तो हमें पहले खुद को बदलना होगा। और ब्रह्मज्ञान प्राप्त करना उस दिशा में पहला कदम है।