दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने पंजाब के नाभा में 8 जुलाई 2018 को भक्ति संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया। 'दिव्य गुरु' विषय पर आधारित इस भक्ति संगीत कार्यक्रम ने दर्शकों के सामने जीवन में बदलाव के बहुत से पहलुओं को रखा। कार्यक्रम ने लोगों को जीवन में एक महान दिव्य गुरु के होने की परम आवश्यकता और उसकी योग्यता से परिचित करवाया। श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी रुपेश्वरी भारती जी ने वक्ता के तौर पर कई आध्यात्मिक तथ्यों को सभी के समक्ष प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया।
हमारे आसपास का संसार हमें हर घटना से कुछ न कुछ सीखाता है। घटनाएं, परिस्थितियां, चुनौतियां हमारी ताकत बढ़ाने और कमजोरियों को दूर करने में हमारी सहायता करती हैं। लेकिन सीखने की यह प्रक्रिया और भी आसान और तेज हो जाती है जब मार्ग प्रदर्शित करने हेतु जीवन में सतगुरु का प्रवेश होता है। जीवन का बोध हो जाने पर जीवन सुंदर व अर्थवान् हो जाता है। भारत के समृद्ध इतिहास में, कई आध्यात्मिक सतगुरु देखे जा सकते हैं, जो हमेशा अपने भक्तों के साथ रहते हैं और उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व को ही बदल देते हैं।
केवल एक माली जानता है कि पौधों को कैसे पोषित किया जाए, केवल धोबी ही जानता है कि कपड़ों से छोटे से छोटा दाग भी कैसे साफ़ किया जा सकता है, केवल कुम्हार ही जानता है कि कैसे एक बर्तन को आकार देना है, वैसे ही केवल एक आध्यात्मिक गुरु मुक्ति की युक्ति जानते हैं। वह केवल पथ प्रदर्शित ही नहीं करते बल्कि गंतव्य तक भी ले जाते हैं। संगीत कार्यक्रम में हजारों भक्तों की उल्लेखनीय उपस्थिति देखी गई जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय निकाला और सीखा कि जीवन का हर पल कितना मूल्यवान व महत्वपूर्ण है। भक्तिमय संगीत और दिव्य भजनों की श्रृंखला ने शिष्यों के पवित्र हृदयों को छुआ और सतगुरु के दिव्य उपदेशों को ग्रहण करने के लिए मन-मस्तिष्क को तैयार किया। साध्वी रुपेश्वरी भारती जी ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा के अमूल्य अनुभव साझा किए और जीवन में कैसे आध्यात्मिक सतगुरु का आगमन हुआ इस बात पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम ने श्रद्धालुओं के हृदयों को ‘दिव्य गुरु’ हेतु श्रद्धा से सफलतापूर्वक भर दिया।