‘ब्रह्मज्ञान’ के वैदिक विज्ञान से परिचित करवाने व कथा के माध्यम से ज्ञान मणियों को जन-जन तक पहुँचने हेतु, डीजेजेएस द्वारा सात दिवसीय श्री राम कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया। श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन तले जयपुर, राजस्थान में 22 से 28 अप्रैल 2023 तक कार्यक्रम आयोजित किया गया। सुप्रसिद्ध कथा व्यास साध्वी दीपिका भारती जी ने भगवान राम से जुड़े विभिन्न मिथकों को खंडित करते हुए रोचक व प्रेरणादायक व्याख्यानों को प्रस्तुत किया। सुमधुर भजनों ने श्रोताओं के ध्यान को आकर्षित कर वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया।
स्वार्थ व दुष्कर्मों से विवश आज का मानव अपने व्यक्तित्व में अनेकानेक भ्रमपूर्ण पहलुओं को ढोता व प्रदर्शित करता नज़र आता है। आज मानव यदि किसी से अत्यधिक भयभीत होता है तो वह ईश्वर द्वारा रचित कोई अन्य कृति नहीं अपितु मनुष्य ही है। केवल बाह्य आचरण व बोलचाल के आधार पर किसी भी व्यक्ति पर विश्वास करना लगभग असंभव हो गया है। समाज का नैतिक व धर्माचरण छिन्न-भिन्न पड़ा सभी की विकृत दशा को दर्शा रहा है। किसी भी मात्रा में बाह्य संसाधनों, शोधो, आविष्कारों व नीतियों द्वारा अब इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता; क्योंकि नैतिक रूपांतरण के लिए आंतरिक क्रांति अवश्यंभावी है।
उपस्थित असंख्य श्रोताओं को संबोधित करते हुए साध्वी जी ने राम राज्य संबंधित नीतियों व आदर्शों को उदाहरण सहित प्रस्तुत किया। समाज में नैतिक रूपांतरण का प्रतीक क्या है? भगवान राम ने कौन सी दिव्य अग्नि को प्रज्वलित किया जो प्रत्येक मनुष्य के भीतर पनप रहे दुष्कर्मों रूपी राक्षस को भस्म करने की क्षमता रखती थी? ब्रह्मज्ञान या आत्म-साक्षात्कार के दिव्य विज्ञान को विस्तारपूर्वक समझाते हुए साध्वी जी ने रामायण, रामचरितमानस व अन्य ग्रंथों में निहित दृष्टांतों पर तथ्यों सहित अपने दावों का पुष्टीकरण दिया। समस्त युगों में पूजनीय, सत्य, सद्व्यवहार, अहिंसा व धर्म के अवतार- भगवान राम मुख्यतः ‘सतगुरु’ थे, जिन्होंने असंख्य आत्माओं को वह ज्ञान प्रदान कर अंतःकरण में परब्रह्म से जोड़ा था। अतः एक ऐसे समाज को आकार दिया जहाँ समता, शांति, न्याय, भक्ति व सत्यता प्रबल थी। साध्वी जी ने समझाया कि उस परम दिव्य ज्योति पर ध्यान करने से मनुष्य की शक्तियाँ धार्मिक व नैतिक कार्यों में संलग्न रहती हैं, फिर चाहे परिस्थितियाँ कितनी ही दुष्कर क्यों न हों।
साध्वी जी ने बताया कि इतिहास के आधार पर यह सरलतापूर्वक प्रमाणित किया जा सकता है कि लगभग हर 500 वर्षों के उपरांत मानवता निकृष्टता की ओर अग्रसर होती है, जिसके पश्चात धर्म की स्थापना हेतु ईश्वर पूर्ण सतगुरु रूप में एक विशाल आध्यात्मिक लहर को जन्म देते हैं। श्री आशुतोष महाराज जी ने आज उस शाश्वत दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाया व प्रत्येक साधक को भीतर से जाग्रत कर रहे हैं, अतः हमारे समक्ष आकार लेती इस विशाल आध्यात्मिक लहर के पीछे वही युग परिवर्तनकारी शक्ति हैं।
साध्वी जी ने उपस्थित श्रोताओं को भगवान राम द्वारा दर्शाए गए भक्ति पथ को अपनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति देखी गई और सभी ने डीजेजेएस द्वारा विश्व स्तर पर संचालित परिवर्तन की इस लहर का हिस्सा बनने की उत्सुकता व्यक्त की। ब्रह्मज्ञान को मानव जीवन के एकमात्र उद्देश्य व समाधान रूप में दर्शाते हुए विभिन्न सामाजिक प्रकल्पों पर भी प्रकाश डाला गया।