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वास्तविक भक्ति के पथ पर जिज्ञासुओं को अग्रसर करने हेतु, श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 18 से 24 सितंबर 2022 तक बठिंडा, पंजाब में भव्य सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रभु प्रेम में सराबोर होने व आध्यात्मिक प्रेरणाओं को आत्मसात करने हेतु कथा में सातों दिवस असंख्य भक्तों की उपस्थिति को देखा गया। कथाव्यास साध्वी कालिंदी भारती जी ने भागवत महापुराण में निहित बहुमूल्य व प्रेरणादायक आध्यात्मिक मर्मों को उजागर किया। भावपूर्ण भजनों ने उपस्थित भक्तजनों के हृदयों को आनंद और भक्ति-भाव से भर दिया। 

Divine Nectar of Shrimad Bhagwat Katha Satiated the Parched Hearts of Devotees in Bathinda, Punjab

भगवान के मानवीय चोले में अवतरित होने की इस दिव्य गाथा ने युगों-युगों के लिए मानव समाज पर सौम्य आध्यात्मिक प्रभाव छोड़ा है। धरा पर ईश्वर के अवतरण का परम उद्देश्य मानव का उत्थान व उसे आत्म-साक्षात्कार की यात्रा की ओर अग्रसर करना है। सतगुरु की भूमिका में वे मानव में निहित दिव्यता का प्रकटीकरण कर, उसे विषय-वासनाओं व अहंकार से ऊपर उठाकर श्रेष्ठता की ओर उन्मुख कर देते हैं।

साध्वी जी ने भगवान श्री कृष्ण के संदर्भ में समझाते हुए कहा कि उन्होंने भक्तों के जीवन में विभिन्न भूमिकाओं को निभाते हुए, उनके आध्यात्मिक कल्याण हेतु अतुल्य धैर्य व दृढ़ता का परिचय दिया। भगवान की भिन्न-भिन्न लीलाएँ हमें ब्रह्मज्ञान द्वारा आत्म-शुद्धि की प्रेरणा देती हैं तथा जीवन में तप व धैर्य की महत्ता को दर्शाती हैं। धर्म स्थापना हेतु महाभारत युद्ध से पूर्व, पांडवों को तपस्या व परीक्षा से गुज़रना पड़ा था। परंतु बाहर से कठिन दिखने वाला यह समय वास्तव में ईश्वर द्वारा पांडवों को धर्म, त्याग व साहस में पारंगत होने के लिए प्रदान किया गया एक सुअवसर था। ऐसे में सत्य-पथ पर अग्रसर अपने भक्तों को हर कदम पर प्रभु संभालते हैं। 

Divine Nectar of Shrimad Bhagwat Katha Satiated the Parched Hearts of Devotees in Bathinda, Punjab

साध्वी जी ने सभी से आग्रह किया कि वर्तमान समय हम सभी के लिए आत्म-बोध की स्वर्णिम बेला लेकर आया है। इसमें हम पूर्ण सतगुरु के दिशा निर्देश व आज्ञाओं में चलकर स्व-निर्माण कर सकते हैं, ताकि आने वाले समय में हम शांति व धर्म स्थापना हेतु परमात्मा के दिव्य हाथों का यंत्र बन सकें।

केवल पूर्ण सतगुरु की शरण में अनन्य भाव से सेवा व साधना द्वारा अर्जित भक्ति से ही शाश्वत सुख व शांति को प्राप्त किया जा सकता है; अन्य कोई दूसरा मार्ग नहीं है। उपस्थित सभी श्रोतागणों ने डीजेजेएस के महान उद्देश्य व योगदानों की प्रशंसा करते हुए जीवन में आध्यात्मिक पथ को अपनाने का संकल्प धारण कर कार्यक्रम को सफल बनाया। 

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