कुरुक्षेत्र की भूमि पर धनुर्धर, योद्धा अर्जुन व भगवान कृष्ण के बीच दिव्य वार्तालाप ने भगवद्गीता का रूप धारण किया। यह पवित्र धर्मग्रंथ इस पृथ्वी पर मानव जाति को सुंदर व व्यवस्थित जीवन निर्मित करने हेतु ईश्वर का विशेष उपहार है।
हमारी आध्यात्मिक विरासत की समृद्धि को बढ़ावा देने व लोगों को इसके प्रति जागरूक करने हेतु, हरियाणा की राज्य सरकार ने 16 दिसंबर से 18 दिसंबर 2018 तक हरियाणा के सिरसा में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव (IGM) आयोजित किया। हमारे इतिहास की दिव्यता को जानने के लिए अनेक लोग और भक्त एकत्रित हुए।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत रंगोली और गीता जप जैसी कई प्रतियोगिताओं को शामिल किया गया। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ने एक सत्र भी रखा जहां विभिन्न आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गैर सरकारी संगठनों को आगंतुकों के लिए अपने सर्वोच्च उद्देश्य को संप्रेषित करने के लिए स्थान दिया गया।
परम पूजनीय सर्व श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संस्थापित व संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान - एक गैर लाभकारी, गैर-सरकारी और एक अग्रणी सामाजिक - आध्यात्मिक संस्थान है। संस्थान प्रतिनिधियों ने गीता के महत्वपूर्ण श्लोकों के अर्थ को रखते हुए मानव जीवन की उपयोगिता को स्पष्ट किया, साथ ही अन्य गतिविधियों में संस्थान की भागीदारी की लोगों ने सराहना की।
अपने दिव्य वक्तृत्व कौशल के साथ दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रतिनिधियों ने प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में सर्वोच्च शक्ति, ईश्वर के संदेशों को सफलतापूर्वक प्रकट करने का प्रयास किया। इस दिव्य सत्य से उपस्थित दर्शकों को परिचित करवाया गया कि इस मानव तन की उपयोगिता ईश्वर प्राप्ति द्वारा ही सिद्ध हो सकती है।
आत्म– जागृति से विश्व शांति तक के महान लक्ष्य को समझते हुए, स्वयंसेवकों, आयोजकों, आगंतुकों ने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त किया।