जब योजनाओं के अनुसार कार्य नहीं हो पाता तो सरकार क़ानून बनाने के लिए विवश हो जाती है जिससे समाज व्यवस्तित ढंग से कार्य करे और अगर कोई क़ानून का उलंघन करे तो उसे दंड मिले। इसी प्रकार सरकार द्वारा कन्या भ्रूण ह्त्या के रोकथाम हेतु प्री कंसेप्शन प्री नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स (PCPNDT) एक्ट 1994 लागू किया गया। समाज की व्यवस्था को बनाए रखने में नियम कानूनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है परन्तु कोई भी अधिनियम बिना सामाजिक समर्थन के सफल नहीं हो सकता। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के लिंग समानता कार्यक्रम – संतुलन और इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन पंजाब के तत्वाधान में 16 जून को जालंधर के पंजाब इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (PIMS) में सामाजिक चेतना को जागृत कर पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु चिकित्सकों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन किया गया।
डॉक्टरों को उनकी नैतिक जिम्मेदारियों के प्रति प्रेरित करने वाले इस भव्य कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री ब्रह्म मोहिन्द्रा जी, स्थानीय निकाय मंत्री, पंजाब, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री गुरप्रीत सिंह भुल्लर, पुलिस कॉमिशनर, श्री गुरदीप, अध्यक्ष - भारतीय रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन (आईआरआईए), डॉ मुकेश गुप्ता, पूर्व आईएमए अध्यक्ष और सचिव - आईआरआईए, डॉ राजेश कुमार बग्गा, सिविल सरजन, श्री अमित सिंह, रेजिडेंट डायरेक्टर (PIMS), डॉ। अनूप बोवरी, एमडी बोवरी मेडिकल इंस्टीट्यूट, डॉ प्रवीण बेरी, डॉ रमन चावला, डॉ राघवीर सिंह, डॉ जशनिव कपूर, डॉ सुषमा चावला, डॉ आशुतोष गुप्ता, डॉ कुलबीर कौर, श्री यश शर्मा, श्री विशाल सीकरी, निर्देशक (PIMS), श्री दलजीत अहलूवालिया, कांग्रेस नेता और डॉ सुरिंदर कुमार, जिला परिवार और कल्याण अधिकारी उपस्थित रहे।
इस विलक्षण आयोजन में तनाव प्रबंधन पर संवाद सत्र के साथ साथ लिंग आधारित हिंसा पर जागरूकता समूह गतिविधियां, परामर्श सत्र, पीसीपीएनडीटी अधिनियम 1994 पर जोर देते हुए कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान, अतिथि वार्ता व् मोमेंटो प्रस्तुति कार्यक्रम हुए। कार्यक्रम की शुरुआत श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी मनिन्द्रा भारती जी द्वारा एक चिंतन सत्र से हुई। साध्वी जी ने बताया कि आज ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ के नारे हर कोई लगा रहा है पर समाज में लिंग समानता की स्थिति तभी उत्पन्न होगी जब इस नारे को हर इन्सान अपनी जिंदगी में उतार लेगा। साध्वी जी ने आगे तनाव प्रबंधन पर व्याख्यान देते हुए बताया कि यूँ तो प्रत्येक व्यक्ति को तनाव मुक्त रहने की आवश्यकता है पर डॉक्टरों के लिए तनावमुक्त जीवन अति आवश्यक है क्यूंकि उनका व्यवसाय किसी भी प्रकार की चिंता से समझौता नहीं कर सकता। साध्वी जी ने बताया कि एक अनुसंधान के अनुसार यह साबित किया गया है कि इन्सान अपने दिमाग में 40 फीसदी उन बातों को लेकर चलता है जो कभी होती ही नहीं, इसके आलावा 30 फीसदी पुरानी घटनाओं को साथ लेकर चलता है , 12 फीसदी निरर्थक बातों को, 10 फीसदी रोज़ मर्रा की ज़िन्दगी में होने वाली बातों को लेकर चलता है और मात्र 8 फीसदी मनुष्य की असली परेशानियाँ होती हैं जिनमें से सिर्फ 4 फीसदी ही उसके नियंत्रण में होती हैं। इसलिए, हमें अपने जीवन को बेहतर चीज़ों पर ही केन्द्रित करना चाहिए और व्यर्थ विचारों को मन से निकाल भगाना चाहिए।
तत्पश्चात परम पूजनीय श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी वैश्नवी भारती ने सभी को अपने विचारों से लाभान्वित किया और कहा कि कन्या भ्रूण हत्या एक जघन्य अपराध है और इस अपराध को जल्द से जल्द समाज से ख़त्म कर देना चाहिए। साध्वी जी ने गीता का उदहारण देते हुए समझाया कि ब्रह्मज्ञान द्वारा आध्यात्मिक जाग्रति हर समस्या का एकमात्र समाधान है। ब्रह्मज्ञान की ध्यान साधना एक ऐसी दिव्य प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्ति के मन को सुंदर और स्वस्थ बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, कैबिनेट मंत्री श्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने समाज में लैंगिक समानता लाने हेतु दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रयासों की सराहना की और इस भव्य आयोजन की सफलता के लिए डीजेजेएस और सह-आयोजक इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन पंजाब को बधाई दी। श्री मोहिन्द्रा जी ने उपस्थित डॉक्टरों का सरकार के संग मिलकर राज्य से कन्या भ्रूण हत्या को ख़त्म करने हेतु आह्वान किया। श्री मोहिन्द्रा जी ने उपस्थित डॉक्टरों से अगले साल तक लड़कों की तुलना में लड़कियों के लिंग अनुपात में वृद्धि हेतु प्रयासरत होने का आग्रह किया।
अंत में भारतीय रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन पंजाब के प्रतिनिधि द्वारा मुख्य अतिथि, अतिथि और डीजेजेएस के प्रतिनिधियों का सम्मानित स्मृति चिन्ह के साथ आभार व्यक्त किया गया। प्रतिभागियों ने सन्तुलन का हिस्सा बनने और भविष्य में संस्थान के प्रकल्पों में योगदान देने हेतु एक उत्साही रुचि व्यक्त की।
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान एक सामाजिक आध्यात्मिक संस्थान है जिसका ध्येय है - आध्यात्मिक जागृति द्वारा विश्व में शान्ति स्थापित करना है। महिलाओं के सशक्तिकरण व लिंग संतुलन की स्थापना के अतिरिक्त, संस्थान द्वारा नशा मुक्ति कार्यक्रम, अभावग्रस्त बच्चों के लिए शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम, गो संरक्षण संवर्धन एवं नस्ल सुधार कार्यक्रम, सम्पूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम, आपदा प्रबंधन कार्यक्रम तथा नेत्रहीनों एवं विकलांगों के सशक्तिकरण के साथ साथ जेल के कैदी बंधुओं के लिए भी समाज कल्याण के प्रकल्प चलाये जा रहे हैं और युवाओं के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।