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गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 12 नवंबर 2023 को नूरमहल आश्रम, पंजाब में पूरे उत्साह सहित पर्यावरण अनुकूल व सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाती ‘दिव्य दिवाली’ महोत्सव मनाया गया। आश्रम को फूलों से बने रंगों की रंगोली व पुनरावर्तित वस्तुओं से सजाया गया। इस पवित्र दिवस पर 1.25 लाख मिट्टी के दीयों से पूरे आश्रम को प्रकाशित किया गया। यदि सार को समझें तो दीपावली- दीप-अवली (दीपों की पंक्ति), उस आध्यात्मिक प्रकाश का प्रतीक है जो आतंरिक अंधकार से हमारी रक्षा करता है।

DJJS celebrated Eco-Friendly Divya Diwali at Nurmahal Ashram (Punjab) and decoded the Socio-Spiritual Significance behind it

कार्यक्रम का शुभारंभ वातावरण में पवित्रता व शांति का संचार करते हवन-यज्ञ की प्राचीन परंपरा के साथ किया गया। तत्पश्चात श्री आशुतोष महाराज जी के ब्रह्मज्ञानी साधकों द्वारा रुद्री पाठ का (वैदिक) मंत्रोच्चारण किया गया। कार्यक्रम में प्रस्तुत सुमधुर भजनों व आध्यात्मिक प्रवचनों ने वातावरण में आध्यात्मिकता का संचार किया।

दीपावली पर्व भगवान राम के अयोध्या वापिस आने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन अयोध्या-वासियों ने प्रभु राम के आगमन की खुशी में दीप जलाकर उत्सव मनाया था। परंतु आज, दीपावली शोर, पटाखों व वायु प्रदूषण का प्रतीक मात्र बनकर रह गया है। देश के कई राज्यों में दिन-ब-दिन बढ़ता वायु गुणवत्ता सूचकांक (ए.क्यू.आई) दीपावली के आस-पास के दिनों में अपने चरम पर होता है। बढ़ते वायु प्रदूषण व एक्यूआई से जुड़ी श्वास संबंधी समस्याओं व अन्य स्वास्थ्य संबंधी खतरों को ध्यान में रखते हुए सरकार को कई कड़े कदम उठाने पड़े हैं। वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, डीजेजेएस की ग्रीन दिवाली महोत्सव का उद्देश्य है कि सभी जनमानस ऐसा उत्सव मनाएं जिससे मानव-प्रकृति संबंध पुनः स्थापित हो और प्रत्येक इकाई के लिए यह पर्व आनंददायक सिद्ध हो।

DJJS celebrated Eco-Friendly Divya Diwali at Nurmahal Ashram (Punjab) and decoded the Socio-Spiritual Significance behind it

श्री आशुतोष महाराज जी के ब्रह्मज्ञानी शिष्यों द्वारा भगवान राम- राइट एक्शन मैन, के जीवन व लीलाओं पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्रभु श्री राम के अवतरण व उनकी लीलाओं से जुड़े आध्यात्मिक महत्व को समझाया गया। गुरुदेव के प्रचारक शिष्यों ने अपने प्रवचनों में प्रभु श्री राम के जीवन के विभिन्न पक्षों को प्रस्तुत करते हुए समझाया कि श्री राम ने समस्त विश्व के समक्ष यह उदारहरण प्रस्तुत किया है कि किस प्रकार आदर्श पुत्र, भ्राता, पति, राजा, योद्धा होते हुए धर्मानुकूल जीवन जिया जा सकता है। किस प्रकार अपने नेतृत्त्व में उन्होंने एक आदर्श समाज – ‘राम राज्य’ की स्थापना की। अध्यात्म उनके राज्य की आधार शिला था। सत्य ही है यह कथन कि पूर्ण व चिरस्थायी परिवर्तन अन्तःकरण से प्रारंभ होता है, जो केवल ईश्वर दर्शन के अध्यात्मिक विज्ञान ‘ब्रह्मज्ञान’ द्वारा ही संभव है। डीजेजेएस का संस्थापन एवं संचालन ऐसे ही पूर्ण आध्यात्मिक गुरु- श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा किया गया है, जिन्होंने असंख्य आत्माओं को ब्रह्मज्ञान प्रदान कर भक्ति का शाश्वत मार्ग दिखाया है।

कार्यक्रम के अन्य मुख्य आकर्षण रहे- श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्यों द्वारा प्रस्तुत ‘जागो- पारंपरिक पंजाबी नृत्य’ व अन्य नृत्य प्रस्तुतियाँ, जिन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का समापन मंगल आरती के साथ किया गया।

भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूरे उत्साह सहित कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति देखी गई। सभी ने डीजेजेएस के पर्यावरण अनुकूल दिवाली मनाने व इसमें निहित आध्यात्मिक महत्व को उजागर करने के प्रयासों की भरपूर सराहना की।

राष्ट्रीय प्रिन्ट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने कार्यक्रम की व्यापक रूप से चर्चा करते हुए बताया कि कैसे इस शुभ दिवस पर डीजेजेएस ने भव्य स्तर पर दीपावली को उसके वास्तविक भाव सहित मनाया व उसमें निहित आध्यात्मिक व सामाजिक तथ्यों को जन-जन तक पहुँचाया।

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