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अनेक जन्म सम्प्राप्त कर्मबन्धविदाहिने।

DJJS Celebrated Guru Purnima 2020 With Utmost Devotion Through Live Webcast from Divya Dham & Nurmahal Ashram

आत्मज्ञान प्रदानेन तस्मै श्रीगुरवे नमःII

उस दिव्य गुरु को प्रणाम, जो आत्मज्ञान द्वारा अनेक जन्मों के संचित कर्म-बन्धनों को समाप्त करने वाले हैं। 

DJJS Celebrated Guru Purnima 2020 With Utmost Devotion Through Live Webcast from Divya Dham & Nurmahal Ashram

गुरु, शिष्य के जीवन से अज्ञानता को समाप्त कर, उसे आनंदमय जीवन की ओर अग्रसर करते हैं। ‘श्री गुरु पूर्णिमा महोत्सव’ गुरु और शिष्य के कालातीत संबंध को प्रगट करता है। महामारी COVID-19 के कारण विकट वर्तमान परिस्थिति में, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान "डीजेजेएस" ने यूट्यूब और फेसबुक पर लाइव वेबकास्ट द्वारा 5 जुलाई, 2020 को दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली और नूरमहल आश्रम, पंजाब से भक्तों के लिए गुरु पूजा का एक विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत किया। गुरुदेव के पवित्र संस्मरण के साथ पवित्र दिन को मनाने हेतु विश्व भर के असंख्य भक्त ऑनलाइन जुड़े। श्री गुरुदेव की दिव्य स्मृतियों में विभिन्न भक्ति, मधुर भजन गाए गए। गुरु पूजन व आरती के समय सभी शिष्यों में अपने भावों को गुरु चरणों में अर्पित किया।

गुरु पूर्णिमा 2020 वास्तव में विशेष और भिन्न थी, हर शिष्य ने गुरुदेव की कृपाओं को स्मरण किया। संस्थान के संस्थापक एवं संचालक गुरुदेव सर्व श्री आशुतोष महाराज जी ने ब्रह्मज्ञान रूपी अनमोल उपहार शिष्यों को प्रदान किया है। ब्रह्मज्ञान प्रदाता सतगुरु की कृपा, दया व महिमा का सम्पूर्ण गान सम्भव नहीं हो सकता। गुरुदेव की दिव्य वाणी तन, मन, बुद्धि व आत्मा सभी स्तरों को तृप्त करने वाली है। सतगुरु का हर पल शिष्य कल्याण व उद्धार को समर्पित है। डीजेजेएस में इस शुभ अवसर को सभी भक्तों ने अपने घरों में पूर्ण भक्ति भाव के साथ मनाया।

मनुष्य अपने जीवन में चाहे कितनी भी सफलता और उपलब्धियों को प्राप्त कर ले, परन्तु पूर्ण सतगुरु के मार्गदर्शन के बिना, उसकी सारी उपलब्धियां निरर्थक ही भान होती है। गुरु पूजा का यह शुभ दिन पूरी तरह से आध्यात्मिक गुरु को समर्पित है और सभी शिष्यों के हृदय में विशेष स्थान रखता है। भक्ति से भरपूर यह दिन गुरु की पूजा करने का अनूठा अवसर लेकर आता है और हर शिष्य हृदय से सतगुरु के श्री चरणों से जुड़े रहने की प्रार्थना करता है। गुरु के प्रति भक्ति ही व्यक्ति को अज्ञान की गहन खाई से उठा सकती है, क्योंकि यही वह माध्यम है जिसके द्वारा एक व्यक्ति दिव्य ज्ञान की उपलब्धि के बाद अपने पूरे जीवन को प्रबुद्ध कर सकता है। सतगुरु अपने शिष्य से निःस्वार्थ प्रेम करते हैं व सदैव विषम से विषम परिस्थिति में अपने शिष्य के संग रहते हैं।

इस अवसर पर गुरुदेव के विद्वत व प्रबुद्ध प्रचारकों ने ज्ञानवर्धक व भक्ति से परिपूर्ण प्रवचनों के माध्यम से शिष्यों को गुरु भक्ति की ओर अग्रसर किया। शिष्य जब गुरु पर पूर्ण  विश्वास करता है तो जीवन में आध्यात्मिक रत्नों की प्राप्ति करता है। गुरु भक्ति द्वारा शिष्य जीवन के वास्तविक लक्ष्य के प्रति अपने क़दमों को दृढ़ता से बढ़ा पाता है। गुरु के आदर्शों को जीवन में धारण कर शिष्य सतगुरु के महान लक्ष्य में सहयोग दे पता है व विश्व कल्याण हेतु अपना योगदान देते हुए, एक सुंदर समाज की संरचना में अपनी भूमिका को पूर्ण करता है। श्री गुरु पूर्णिमा पर्व, शिष्यों के जीवन में एक महत्वपूर्ण अवसर रहा, व गुरु भक्तों ने दृढ़ संकल्प, उत्साह, समर्पण व गुरु प्रेम की दिव्य निधि को प्राप्त किया।

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