इस हाई-टेक दुनिया में हम मशीनों (स्मार्ट फोन, कंप्यूटर, टैबलेट आदि) में या अपनी पेशेवर ज़िन्दगी में पूरी तरह से डूबे हुए हैं। ऐसे परिदृश्य में जहां हम लगातार माया (भौतिकवाद) के संपर्क में रहते हैं, वहीं शिष्यों के लिए संतों की शरण में समय बिताना निश्चय ही महत्वपूर्ण हो जाता है।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान नियमित रूप से कार्यक्रमों का आयोजन करता है जिससे भक्ति के दिव्य मार्ग की दिशा में शिष्यों को लगातार मार्गदर्शन मिलता रहे। हाल ही में 17 जून, 2018 को कर्नाटक के बेंगलुरु में "हम चले तेरी राह पर" के तहत एक प्रेरक आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भक्तों की बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज़ की गई।
श्री आशुतोष महाराज जी के प्रचारक शिष्यों ने उपस्थित साधकों को आध्यात्मिक रूप से सक्रिय रहने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने समझाया कि गुरु की कृपा प्राप्त करने के लिए एक ही चीज़ की आवश्यकता है और वो है स्वयं को व्यर्थ के अहंकार से दूर रखना। आत्मसमर्पण का भाव मन में धारण कर मार्गदर्शन हेतु खुद को गुरु चरणों में समर्पित कर देना। केवल सतगुरु ही जानते हैं कि हमें पूर्णता की ओर ले जाने के लिए क्या आवश्यक है। गुरु की यही करुणा ही आध्यात्मिक सत्य के बोध हेतु शिष्यों का हृदय द्वार खोलती है। पूर्ण तत्ववेता सतगुरु के श्री चरणों में आत्मसमर्पण ही आध्यात्मिक प्रभा द्वारा आलौकित होने का एकमात्र तरीका है। पूर्ण आत्मसमर्पण और विश्वास से हम इस तथ्य को समझने में सक्षम होंगे कि सतगुर के जहाज में बैठे हुए हमें जो भी झटके मिलते हैं वे हमें डूबने के लिए नहीं हैं बल्कि इसके विपरीत वे हमें माया के महासागर में डूबने से बचाने के लिए हैं।
अपने शिष्यों को उत्कृष्ट बनाने के लिए सतगुरु जब भी और जहां भी आवश्यक हो, अपने शिष्यों को हर प्रकार का समर्थन प्रदान करते हैं। वह अपने शिष्यों को विविध परियोजनाओं में शामिल करके उन्हें जीवन की विकट से विकट परिस्थति को साहसपूर्वक पार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। जिन्होंने पूर्ण सतगुरु श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा से आत्मसाक्षात्कार को पाया है उन्हें एक बड़े परिवर्तन को लक्षित करने के लिए एक साथ मिलकर आगे आने की ज़रूरत है। समाज के यह अध्यात्म ज्ञान में दीक्षित ब्रह्मज्ञानी जीव ही विश्व शांति लाने और एक दिव्य संसार को साकार व उसकी संरचना में सक्रिय भागीदारी निभाएँगे।
कार्यक्रम ने शिष्यों को अपने आध्यात्मिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भी प्रेरित किया। एक दिव्य व असाधारण आध्यात्मिक ऊर्जा की अनुभूति कार्यक्रम के दौरान सभी को हुई, जिसे पहले कभी महसूस नहीं किया गया। कार्यक्रम ने साधक भक्तों को उत्साह और जोश से भर दिया।