भक्ति से पोषित भावनाएं मनुष्य को महान बना सकती हैंl जो शब्द और कर्म नहीं कर सकते, सकारात्मक मनोभाव करते हैंl इसी सन्देश को लिए सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की अनुकम्पा से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 26 मार्च 2022 को जैतो, पंजाब में एक प्रेरक भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गयाl मंत्रमुग्ध करने वाले कार्यक्रम का विषय 'भावांजलि' था जिसका अर्थ है कि आध्यात्मिक रूप से प्रबुद्ध पूर्ण तत्ववेता गुरु द्वारा व्यक्त सर्वव्यापी चेतना के चरणों में भावपूर्ण श्रद्धांजलि हैl कार्यक्रम की वक्ता साध्वी वैष्णवी भारती जी ने उपस्थित समस्त श्रोताओं के समक्ष ज्ञानवर्धक विचारों को रखाl
साध्वी जी ने कहा कि आज समाज को सकारात्मक मनोभाव की आवश्यकता हैl हमारे प्राचीन भारतीय ग्रन्थ इसे सीखने में हमारे सहयोगी सिद्ध हो सकते हैl ग्रंथों में उन भक्तों की अनेकों जीवन गाथाओं का उल्लेख है, जिन्होंने पूर्ण तत्ववेता गुरु के चरणों में समर्पण कर भक्ति व मोक्ष प्राप्त कियाl उदाहरण के लिए माता शबरी ने अपने गुरु के आश्रम में भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री राम को अपने हाथों से बेर खिलाये थेl वह ये कैसे कर पाई? माता शबरी ने अपने गुरु मतंग ऋषि के शब्दों पर कभी संशय नहीं किया कि सच्ची भक्ति से परमात्मा स्वयं अपनी उपस्तिथि का आशीर्वाद देते हैंl हालाँकि अपनी भावनाओं को पवित्र व शुद्ध रखने के लिए शिष्य को सदैव अपने गुरु का चिंतन करना चाहिएl माता शबरी गुरु मतंग ऋषि की एक ब्रह्मज्ञानी शिष्या थीl
हमारी प्राचीन भारतीय सभ्यता ने हमें 'ब्रह्मज्ञान' - ईश्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति की तकनीक प्रदान की हैl इस संसार में मात्र ब्रह्मज्ञान द्वारा ही शाश्वत आनंद को प्राप्त किया जा सकता हैl जब एक पूर्ण ब्रह्मनिष्ठ गुरु के द्वारा यह ज्ञान प्रदान किया जाता है तो व्यक्ति का सम्पूर्ण जीवन ही आनंदमय हो जाया करता हैl इसके निरंतर अभ्यास से विपरीत परिस्तिथियों में भी मन को शांति प्राप्त होती हैंl उदहारण के लिए जब अर्जुन को कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में श्री कृष्ण का दिव्य मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, तभी अर्जुन अपने सगे-संबंधियों के विरुद्ध युद्ध जीतने में सक्षम हुआl
साध्वी जी ने कार्यक्रम का समापन करते हुए आह्वान किया कि अर्जुन को जो ज्ञान प्राप्त हुआ, वह ज्ञान आज भी मौजूद हैंl इसकी प्राप्ति के लिए हमें एक ही कदम उठाना हैं और वह है एक पूर्ण ब्रह्मनिष्ठ गुरु कि खोज करनाl एक ऐसा गुरु जिसने स्वयं ईश्वर का दर्शन कर आध्यात्मिक उचाईयों को प्राप्त किया हो और कराने का सामर्थ्य भी रखता होl इसलिए प्रत्येक मनुष्य को ऐसे गुरु की खोज करनी चाहिए और खोजने पर भी अगर ऐसा गुरु न मिले तो दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वार आपके लिए सदैव खुले हैंl गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी एक ऐसे पूर्ण गुरु हैं जिन्होंने ब्रह्मज्ञान के माध्यम से दुनिया भर में आध्यात्मिक परिवर्तन की लहर पैदा की हैंl कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण से किया गयाl