गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) की दिव्य कृपा से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 21 से 25 मई 2022 तक कुरुक्षेत्र, हरियाणा में ज्ञानवर्धक पाँच दिवसीय श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया गयाl कथा व्यास साध्वी जयंती भारती जी ने उपस्थित श्रोताओं के समक्ष कथा को सुबोधगम्य ढंग से प्रस्तुत कर सबका ध्यान भक्ति की ओर आकर्षित कियाl भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के पीछे छिपे आध्यात्मिक रहस्यों का व्याख्यान कर आध्यात्मिक ज्ञान के प्रति जिज्ञासा को जगायाl
साध्वी जी ने कहा की भगवान श्री कृष्ण का प्रत्येक कार्य आतंरिक दूरदर्शिता से प्रेरित होता हैl भगवान इस धरा पर शांति की स्थापना करने हेतु ही अवतरित होते हैं l इसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने भी अपना सम्पूर्ण जीवन अधर्म का जड़मूल विनाश करने के लिए ही समर्पित कियाl किन्तु ऐसा कतई नहीं था की उन्होने अधर्मियों को बदलने का कोई अवसर ही नहीं दिया! भगवान ने कंस का वध अवश्य किया किन्तु उससे पहले उसे अपनी शरण में आने के कई अवसर भी दिएl इसी तरह शिशुपाल को भी कई बार अधर्म को छोड़ धर्म के पथ पर अग्रसर होने के लिए समझायाl दूसरी ओर उन्होंने धृतराष्ट्र और उनके पुत्र दुर्योधन के दरबार में शांतिदूत बनकर महाभारत के युद्ध को टालने का पूरा प्रयास भी किया थाl
इसी रौ में, अपनी शरणागत हुए द्रोपदी, अर्जुन, आदि को उन्होंने दुनिया का सबसे बहुमूल्य उपहार ब्रह्मज्ञान (ईश्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति) प्रदान कियाl ब्रह्मज्ञान वह तकनीक है जिसके द्वारा व्यक्ति परमात्मा का साक्षात्कार कर निरंतर उनसे जुड़ के रह सकता है l यह ज्ञान अस्थिरता के क्षणों में व्यक्ति को निडर बनाता हैंl भक्ति, समर्पण के साथ, जब एक ब्रह्मज्ञानी साधक सर्वव्यापी ईश्वर के चरणों में पूर्ण समर्पण करता है तो वह परमानन्द को प्राप्त करता है l
लेकिन क्या आज यह ज्ञान प्राप्त हो सकता है? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए साध्वी जी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति आज इस दिव्य ज्ञान को प्राप्त कर सकता है लेकिन उसके लिए उसे पूर्ण आध्यात्मिक गुरु की आवश्यकता हैl केवल आध्यात्मिक रूप से प्रबुद्ध तत्ववेता गुरु ही साधक को ज्ञान प्रदान कर सकते हैंl
आज ब्रह्मज्ञान की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक हैंl केवल कुछ लोगों को ही नहीं बल्कि हमारे पूरे समाज को एक ऐसे समाधान की आवश्यकता है जो सद्भाव और उल्लास लायेl एक ऐसी तकनीक जिससे न सिर्फ एक व्यक्ति बल्कि पूरा विश्व आंतरिक रूप से परिवर्तित हो जाएl ब्रह्मज्ञान ही एकमात्र समाधान है जिसके माध्यम से मनुष्य स्वयं को बदल कर सम्पूर्ण विश्व को बदल सकता हैl कथा के अंत में साध्वी जी ने उपस्थित श्रोताओं से आग्रह किया कि वे एक पूर्ण गुरु से ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करेंl इस विषय में, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एक सच्चे साधक के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शन का स्त्रोत्र है और रहेगाl