बढ़ती जलवायु परिवर्तन की समस्या के चलते तापमान व वर्षा चक्र मे कुछ ऐसा परिवर्तन आया है कि विश्व कि सैंकड़ों प्रजातियाँ विलुप्त होने कि कगार पर आ खड़ी हुयी हैं। सन 2018 मे ही 3 पक्षियों कि प्रजातियाँ धरा से हमेशा के लिए लुप्त होगई और कई ऐसी प्रजातियाँ हैं जो 2019 मे विलुप्त होजाएंगी।
वैज्ञानिकों एवं पर्यावरणविदों के लिए विलुप्त होती प्रजातियों की यह खबर अत्यंत चिंताजनक है परंतु विडम्बना है की एक आम व्यक्ति जो दिन रात एक सुखद जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है उसके लिए कोई प्रजाति उत्पन्न हो या विलुप्त होजाए इसका कोई महत्व नहीं। परंतु सत्य तो यह है प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रत्येक विलुप्त होती प्रजाति सीधे सीधे प्राकृतिक संतुलन व स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है। इसलिए प्रजातियों का संरक्षण आज मानवता का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है। और इसके लिए सर्वप्रथम आवश्यक है मानव का प्रकृतिक के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध पुनः स्थापित हो और वह स्वतः ही संरक्षण के मार्ग पर बढ़ जाये।
इसी को मद्देनज़र रखते हुये, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की पर्यावरण संरक्षण मूहीम – संरक्षण ने प्रत्येक वर्ष की भांति अंतराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस 2019 के अवसर पर अपनी सालाना चिल्ड्रेन फॉर अर्थ मूहीम को आगे बढ़ाते हुये 15 अप्रैल से 22 अप्रैल 2019 तक देश भर मे प्रजातियों के संरक्षण हेतु विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को जागरूक किया।
चिरस्थाई पर्यावरण प्रबंधन हेतु यह आवश्यक है कि बच्चों को पर्यावरण शिक्षा प्रदान की जाये और उन्हे प्रकृति के साथ जोड़ा जाये। क्यूंकी यदि बच्चे इस कार्य के लिए सशक्त होजाएँ तो वह परिवर्तन प्रतिनिधि बन प्रत्येक वर्ग को संरक्षण के पाठ पर अग्रसर कर सकते हैं। बच्चों कि इसी शक्ति को अग्र रखते हुये संस्थान ने भविष्य के इन संरक्षकों को सशक्त करने हेतु कार्यशालाएँ, पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता, नेचर वल्क्स इत्यादि आयोजित किए। इसके साथ- साथ गत वर्षों मे प्रशिक्षित बच्चों ने जन सामान्य को प्रकृतिक संरक्षण हेतु प्रोत्साहित करने के लिए रैलियाँ इत्यादि भी आयोजित की।
संस्थान की विभिन्न शाखों द्वारा की गयी गतिविधियों का ब्यौरा चित्रों (photo stories) के माध्यम से यहाँ प्रस्तुत किया जारहा है।