भारतीय संस्कृति के सतत जीवन जीने की कला को जन-जन तक पाहुचाने हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान बरेली (उत्तर प्रदेश) केंद्र द्वारा क्षेत्र के अनेक स्कूलों अथवा सार्वजनिक स्थानों मे जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्थान के संरक्षण प्रकल्प के अंतर्गत चलाये जा रहे अभियान एक अच्छी आदत के तहत 1) एसएसबी कैंप, तिकुनिया, लखीमपुर खीरी (4 जनवरी), 2) सरस्वती शिशु मंदिर, बहेरी, बरेली (7 जनवरी), 3) भारती विद्या मंदिर, बिलवा, बरेली (8 जनवरी), 4) प्राचीन ठाकुर द्वार मंदिर, मिलक, रामपुर (20 जनवरी) अथवा 5) गीतांजलि गांधी पब्लिक स्कूल, बहेरी, बरेली (27 जनवरी) मे लोगों को पर्यावरण-अनुकूल जीवन शैली के लिए प्रेरित किया गया।
आज विश्व भर मे जलवायु परिवर्तन से होने वाली घटनाएँ चरम सीमा तक पहुँच चुकी है, अर्थात बचाव के लिए मानव के पास बस एक आखरी मौका है। हर साल हजारों सम्मेलन, चर्चाएं, बैठकें इस उभरते हुए पर्यावरण संकट के समाधान खोजने के लिए होती हैं, जिनमे सैकड़ों रणनीतियां और कार्य योजनाएं निर्धारित की जाती हैं, फिर भी इनके कोई ठोस परिणाम देखने को नहीं मिल रहे हैं। व्यक्तिगत स्तर पर प्रतिबद्धता का आभाव ही इन संपूर्ण योजनाएं को विफल करने वाली मुख्य वजह है। आज आवश्यकता है की मानव स्थायी जीवन शैली और प्रकृति के संरक्षण हेतु गंभीर विचार कर प्रयास करे। और यह तभी संभव है जब प्रत्येक मानव अपनी दैनिक जीवन शैली की आदतों को बदलने का और पर्यावरण के प्रति सचेत रवैया अपनाने का संकल्प ले।
व्यक्तिगत स्तर पर यही बदलाव लाने हेतु संस्थान (बरेली केंद्र) ने अपने अभियान एक अच्छी आदत (#EkAchiAadat) के माध्यम से लोगों को स्थायी जीवन जीने का संदेश दिया। आयोजित कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों अथवा लोगों को वैश्विक पर्यावरण स्थिति से अवगत कराया गया, साथ ही मानव व प्रकृति के संबंध पर गहन चर्चा की गयी जिसका विषय था- कैसे मानव की दैनिक जीवन शैली प्रकृति पर प्रभाव कर रही है। श्री आशुतोष महाराज जी के समर्पित शिष्यों ने लोगों को पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर, पर्यावरणीय संकटों से लड़ने में समर्थन देने को कहा। स्कूलों मे की गयी कार्यशालाओं मे बच्चों को पहले पारिस्थितिक पदचिह्न के बारे में शिक्षित किया गया और फिर पारिस्थितिक पदचिह्न कैलकुलेटर के माध्यम से उन्होंने अपने पर्यावरणीय छाप की गणना की। संस्थान का बरेली केंद्र बच्चों के लिए ऐसी ही कार्यशालाएँ आयोजित करने की योजना बना रहा है जो भविष्य में उनके चरित्र निर्माण में एक मजबूत आधार बन सकें।