आयुर्वेद में लिखा गया है, 'यदि आपका आहार गलत है, तो दवा किसी काम की नहीं है। अगर आपका आहार सही है तो दवा की कोई जरूरत नहीं है।' आज के समय में कहीं न कहीं लोगों का अपनी जड़ों और स्वस्थ जीवनशैली से नाता टूट गया है। तेजी से भागती दुनिया में, लोग फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड के करीब पहुंच गए हैं। वह आहार जो हमारे दिमाग, शरीर और आत्मा को पूरी तरह से समन्वयित रखता है, वह लंबे समय से खो चुका है।

स्वस्थ जीवन शैली को पुनर्जीवित करने के लिए, डी.जे.जे.एस. के समग्र स्वास्थ्य कार्यक्रम आरोग्य ने अपनी स्वास्थ्य कार्यशालाओं की श्रृंखला के तहत 'अपने भोजन को सशक्त बनाएं' विषय के तहत हजारों लोगों तक पहुंच बनाई। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के लिए उचित आहार पैटर्न विकसित करने में मदद करना था।
इन स्वास्थ्य कार्यशालाओं के दौरान, डी.जे.जे.एस.-आरोग्य ने स्वस्थ शरीर के लिए हमारे भोजन को सशक्त बनाने के तरीकों पर जोर दिया। डी.जे.जे.एस.-आरोग्य की टीम ने बताया कि कैसे सही समय पर सही तरीके से सही भोजन का सेवन करना चाहिए। इन कार्यशालाओं के दौरान भोजन और आहार संबंधित आदतों के वैज्ञानिक कारणों को साझा किया गया।

मई और जुलाई के महीनों में, डी.जे.जे.एस.-आरोग्य ने 6 राज्यों- दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक में 20 स्वास्थ्य कार्यशालाएं आयोजित कीं, जो कुल 3,118 लाभार्थियों तक पहुंचीं।
- महाराष्ट्र में, 5 मई से 14 जून तक अमरावती, चाकन, लातूर और पाथर्डी में 11 कार्यशालाएँ आयोजित की गईं, जिससे 1,823 लोगों को लाभ हुआ।
- उत्तर प्रदेश में 17 मई से 24 जून तक मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा में 5 कार्यशालाएँ आयोजित की गईं, जिससे 970 लोग लाभान्वित हुए।
- पंजाब में, लुधियाना की डी.जे.जे.एस. शाखा द्वारा 16 जुलाई को गोबिंदगढ़ में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिससे 220 लोगों को लाभ हुआ।
- दिल्ली में, 29 जून को कालकाजी में नेहरू प्लेस की डी.जे.जे.एस. शाखा द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिससे 35 लोगों को लाभ हुआ।
- उत्तराखंड में देहरादून की डी.जे.जे.एस. शाखा द्वारा 17 मई को निरंजनपुर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिससे 20 लोग लाभान्वित हुए।
- कर्नाटक में, बेंगलुरु की डी.जे.जे.एस. शाखा द्वारा 5 मई को हेसरघट्टा में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिससे 50 लोगों को लाभ हुआ।
“अपने भोजन को सशक्त बनाएँ” कार्यशाला का एक ऐसा विषय रहा जिसने लाभार्थियों को अपनी भोजन संबंधी आदतों पर पुनर्विचार करने और स्वस्थ भोजन विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित किया। प्रतिभागियों ने इन कार्यशालाओं के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की और आयोजन टीम से अनुरोध किया कि वे भविष्य में भी ऐसे रोमांचक विषय लेकर आते रहें।
आम जनता तक पहुँच और उनमें जीवन-परिवर्तनकारी आदतों को विकसित करने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं रहें।