रोहिणी सेक्टर-१५, दिल्ली के ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों के लिए दिव्य ज्योति वेद मन्दिर ने एक भव्य ज्ञानाञ्जनशलाकया कार्यशाला का आयोजित किया गया। यह भव्य कार्यक्रम २ मुख्य कारणों से अद्वितीय रही। पहली, यह दिल्ली की प्रथम ऑफलाइन कार्यशाला थी, दूसरी, यह पहली ऐसी कार्यशाला थी जिसमे विद्यार्थियों को उनके रुद्री पाठ के प्रमाण पत्र हार्ड-कॉपी रूप में दिए गए। इतना ही नही, इस कार्यक्रम के सूत्रधार दिल्ली-एन.सी.आर. के रुद्री पाठ के शिक्षक थे।

वेदपाठियों का स्वागत विधिवत तिलक व रक्षासूत्र बांध कर किया गया। तदोपरान्त कार्यक्रम को अधिकारिक रूप से दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के ध्यान के साथ किया गया। कार्यशाला के पहले सत्र में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारक गण साध्वी दीपा भारती जी, साध्वी योगदिव्या भारती जी, साध्वी कामाख्या भारती जी, साध्वी शीतला भारती जी व साध्वी रिपुहना भारती जी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। सम्पूर्ण वातावरण लगभग १५० वेदपाठियो द्वारा ॐ उच्चारण व शंखनाद की गूँज से स्पन्दित हो उठा। इसके बाद, अभ्यासशाला सत्र में सभी ने शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी के audio-visual के साथ वेद मन्त्रों का सम्मूहिक अभ्यास किया। इस ऊर्जावान सत्र के बाद, सभी ब्रह्मज्ञानी वेद पाठियों ने एक विलक्षण वैदिक अनुष्ठान में भाग लिया जहाँ सभी ने दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के पवन चरणों में एक शिवसङ्कल्प लिया कि वे सभी रुद्री पाठ के audio-visual के साथ प्रतिदिन अभ्यास करेंगे। साध्वी योगदिव्या भारती जी ने उपस्थित सभी वेदपाठियों को संबोधित करते हुए कहा की वे नियमित रूप से उच्चारण का अभ्यास किया करें व केवल गुरुदेव के दिव्य मार्गदर्शन एवं महती अनुकम्पा को शिरोधार्य करें।
अब समय था उस सत्र का जिसके लिए सभी बहुप्रतीक्षित थे। सभी ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों को उनके रुद्री पाठ के प्रशस्ति पत्रों की हार्डकॉपी वितरित की गई। तदोपरान्त, उच्चारण स्थान पर एक विशिष्ट सत्र आयोजित किया गया जहाँ विद्यार्थियों को संस्कृत वर्णों के उच्चारण स्थान को विभिन्न शिक्षण विधियों जैसे डेन्चर मॉडल, मैगनेट, पी.पी.टी आदि के माध्यम से सिखाया गया। तदोपरान्त, डीजेवीएम कार्यकर्ता ने मुरुगा भगवान कार्तिकेय पर पारम्परिक भरतनाट्यम नृत्य का प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम को अंतिम क्षणों में ले जाते हुए, साध्वी दीपा भारती जी ने दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों से अवगत करवाया। साध्वी जी ने एक विडियो प्रस्तुति के माध्यम से सभी को पूरे भारत-वर्ष में की गई वैदिक सङ्गोष्ठियों कि भव्य सफलता से भी अवगत करवाया। वेदपाठियों ने सभी को रुद्री पाठ कक्षा में हुए दिव्य अनुभवों को भी सभी के साथ साँझा किया। कार्यक्रम का अन्त दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की मङ्गल आरती के साथ हुआ। इस अद्वितीय कार्यक्रम के सहभागी होकर सभी ब्रह्मज्ञानी वेदपाठि अत्याधिक प्रसन्न हुए।