'तमसो मा ज्योतिर्गमय' - आज के वर्तमान युग में हम सभी अपने गौरवशाली, आध्यात्म-पोषित संस्कृति को भूलकर पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहे हैं, इसी अंधकार को दूर करने हेतु दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति वेद मन्दिर की स्थापना की गई, जिसके प्रचार-प्रसार हेतु आज दिव्य ज्योति वेद मंदिर पूरे उत्साह व निष्ठा के साथ संलग्न है।
इसी उत्साह का परिचायक है, अभी हाल ही में हुआ चाकण, महाराष्ट्र में वैदिक उच्चारण का विशिष्ठ कार्यक्रम | यह कार्यक्रम 31अगस्त 2022 को गणेश चतुर्थी के पावन-पुनीत पर्व पर किया गया।
इसके अंतर्गत गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियो द्वारा चाकण, महाराष्ट्र में 5 घरों में “घर-घर गूंजे वेद सभी” के अंतर्गत वेद मंत्रों का विशुद्ध उच्चारण किया गया, जिसमे सभी विशुद्ध ध्वनि तरंगों को सुनकर अभिभूत हो गए | इस कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र शाखा के समन्वयक, स्वामी चिदानन्द जी द्वारा किया गया।
ऐसे ही निःस्वार्थ भावना से परिपूर्ण कार्यक्रम का होना हमारे समाज के लिए अत्याधिक आवश्यक है, क्योंकि आज हमारे समाज में जहाँ हर और अशांति,अहिंसा, अनैतिकता का अत्याधिक प्रभाव हैं, ऐसे वातावरण में शांतमयी दिव्य तरंगों का प्रवाह करना अत्यंत आवश्यक है | इसी भावना को ब्रह्मज्ञानी शिष्यों के भीतर जागृत करते हुए गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी ने अपने कृपा सानिध्य को प्रदान कर असंख्य वेद पाठियो का नव निर्माण किया है, और यह निर्माण अवश्य ही भविष्य के लिए रचनात्मक सिद्ध होगा और वेड परंपरा को जीवंत रखने में सहायक होगा।