आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में द्रुतगामी गति से परिवर्तन हो रहे हैं। ऐसे में प्रत्येक संस्था व संगठन की आवश्यकताओं व उद्देश्यों में भी सतत परिवर्तन हो रहे हैं। इन उद्देश्यों की प्राप्ति तभी संभव है जब उपलब्ध संसाधनों व लक्ष्य के अनुसार एक सुविचारित योजना का निर्माण, उसका उचित क्रियान्वयन व प्रबंधन किया जाए।
भारतीय साँस्कृतिक पुनरुत्थान जैसे महान लक्ष्य के साथ संस्थापित दिव्य ज्योति वेद मंदिर, जिसका लक्ष्य विश्व को संस्कृत की सुगढ़ता और गरिमा का पुनः बोध कराना है, द्वारा 10 अप्रैल 2021 को ऐसी ही एक देश वयापी बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें गत वर्ष की सफलता के आधार पर भावी वर्ष के लिए लक्ष्यों और उनकी प्राप्ति हेतु सुनियोजित बिन्दुओं को निर्धारित किया गया।
इस बैठक में देश के सभी दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (DJJS ) शाखाओं के coordinators उपस्थित रहे। सभा में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। कोरोना काल में शुरू की गईं रुद्री वेद कक्षाओं और संस्कृत संभाषण कक्षाओं को और भी व्यापक स्तर पर ले जाने का प्रस्ताव रखा गया। इसके अतिरिक्त विशुद्ध उच्चारण के साथ रुद्री की नव निर्मित पुस्तक को जन-जन तक पहुँचाने हेतु विचार किया गया। विदेशीजन भी इन कक्षाओं का पूर्णतः लाभ उठा सकें, इसके लिए वेद मंत्रों का अन्य भाषाओं में भी अनुवाद करने हेतु एक टीम का गठन करने पर सभी की सहमति बनी।
आज विश्व जब संस्कृत भाषा के रूप में व्याप्त ज्ञान के अथाह भण्डार के लुप्त हो जाने का अनुभव कर रहा है, तो वहीं दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के ये प्रयास निश्चित ही संस्कृत को उसकी पूर्व स्थिति को प्राप्त करने में मुख्य योगदान देने में सक्षम होंगे।