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संस्थान द्वारा महाराणा प्रताप पार्क, बी.जे.एस. कॉलोनी, जोधपुर, राजस्थान में श्रीमददेवीभागवत कथा का भव्य आयोजन किया गया| इस महापुराण में वर्णित आख्यानों के आध्यात्मिक, वैज्ञानिक पक्ष को भावभीने भजनों व कथा प्रसंगों ने बखूबी रखा| कथाव्यास साध्वी अदिति भारती जी ने माँ आदि शक्ति के अनेकानेक रूपों से परिचित करवाया| माँ के ममतामयी, उग्र, कल्याणकारी आदि विभिन्न स्वरूपों को शुम्भ-निशुम्भ व रक्तबीज वध, विंध्यवासिनी स्वरुप, गायत्री महिमा आदि प्रसंगों के माध्यम से रखा गया| विन्ध्याचल के सुमेरु से ईर्ष्यावश सूर्य के मार्ग को रोक लेने की कथा का वर्णन करते हुए साध्वी जी ने मनोवैज्ञानिक स्तर पर प्रसंग का विश्लेषण किया| उन्होंने बताया कि विन्ध्याचल रुपी अहंकार ही मानव और उस भगवती के मिलन में सबसे बड़ा अवरोधक है और यह अहंकार ही समाज के सभी दुखों का भी कारण है| अहंकार सदैव हिंसा का संग लेकर अपना विस्तार करता है| अगस्त्य मुनि रूपी सतगुरु ही ब्रह्मज्ञान प्रदान कर इस अहंकार का मर्दन करते हैं और आत्मा-परमात्मा की मिलन गाथा का अंतिम अवरोधक भी अंत को प्राप्त करता है| सतगुरु परमात्मा का दर्शन करवा कर उस विराट सत्ता की प्रत्यक्ष अनुभूति करवाते हैं| सद्गुरु सृजनात्मक विध्वंस करते हुए नया चरित्र गढ़ते हैं जिससे नया भविष्य और नवीन उज्जवल समाज का निर्माण होता है| आज भी गुरुदेव सर्व श्री आशुतोष महाराज जी ऐसा ही सुंदर भविष्य निर्मित कर रहे हैं जिसका अंग बनने का एक सुंदर अवसर समाज-कल्याण के कार्यक्रमों द्वारा जन-जन को मिल रहा है| परमात्मा के दर्शन द्वारा उस उच्च सकारात्मकता ऊर्जा से जुड़ व्यक्ति व राष्ट्र का ओजस्वी चरित्र अहंकार ही नहीं हर बुराई का समूल अंत कर रहा है| अनेक जिज्ञासुओं ने सद्गुरु की शरणागति द्वारा प्रभु दर्शन की ओर क़दमों को बढ़ाया|

Glorious Tales of Divine Durga Enlighten the Masses in Jodhpur, Rajasthan

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