दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के पंजाब स्थित नूरमहल आश्रम में प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाई गई| जिसमें 50,000 मिट्टी के दीपक जला कर समाज को pro-environmental / eco- friendly दिवाली मनाने का संदेश दिया व् भारतीय संस्कृति की ओर प्रेरित भी किया| संस्थान प्रवक्ता ने इस विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यूँ तो दिवाली समृद्धि का त्यौहार है परन्तु गत कई वर्षों से इस दिन पटाखों के कारण कई विषैली गैसे पर्यावरण को प्रदूषित कर रही है| जिससे कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं बढ़ जाती है| पटाखों के धमाकों से जहाँ एक ओर ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है वहीँ पशु- पक्षी भी पीड़ित होते हैं| पर्यावरण संरक्षण हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की सभी शाखाओं ने लोगों को कई गतिविधियों द्वारा इस विषय पर जागरूक किया| इसके चलते संस्थान की पंजाब स्थित नूरमहल शाखा ने eco-friendly “GREEN DIWALI” बनाई| इसमें हजारों लोगों ने भाग लिया| “GREEN DIWALI” के अंतर्गत आश्रम में plastic lights का प्रयोग नहीं किया| बल्कि 50,000 मिट्टी के दीयों से आश्रम को प्रकाशित किया गया| दिवाली त्योहार पारंपरिक पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाया गया। आश्रम के प्रवेशद्वार को सुन्दर पारंपरिक रंगोलिओं द्वारा सजाया गया| इस अवसर पर लक्ष्मी व् गणेश पूजन हेतु भजनों व् स्तुतिगान किया गया| साथ ही पारंपरिक मिठाई “प्रसादम” को भक्तों में वितरित किया गया| इस प्रकार, शोर और पटाखों के प्रदूषण से मुक्त दीवाली को पूरी तरह से पारंपरिक शैली में मनाया गया। संस्थान ने इस प्रयास द्वारा पर्यावरण सुरक्षित दीवाली मनाने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया|
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