दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा वेबकास्ट श्रृंखला के 96वें संस्करण को दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली से रविवार, 22 मई, 2022 को प्रस्तुत किया। आध्यात्मिक व प्रेरणादायक कार्यक्रम को डीजेजेएस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल के माध्यम से वेबकास्ट किया गया। विश्व भर से बड़ी संख्या में शिष्यों और भक्तों ने इस प्रेरणादायक कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्यक्रम का आरम्भ सुमधुर एवं भक्ति भाव से ओत प्रोत भजनों द्वारा किया गया। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के शिष्य स्वामी चिदानंद जी ने ‘भक्त के सर्वोच्च स्तर को कैसे प्राप्त करें’ विषय पर मार्मिक व्याख्याओं को सांझा किया। गुरू चरणों में प्रीति कैसे एक भक्त के भीतर जगे, इस संबंध में उन्होंने बहुत से उदाहरणों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि संसार की समस्त उपलब्धियां भी उस शांति और आनंद को प्रदान नहीं कर सकतीं, जो गुरु चरणों में अर्पित एक भक्त को प्राप्त होती है।
सत्संग प्रवचनों की श्रृंखला में आगे साध्वी मणिमाला भारती जी ने सुमिरन के महत्त्व को उजागर किया। उन्होंने शवांस शवांस में सुमिरन करने के कई मार्मिक सूत्र बताए। आध्यात्मिक प्रगति में सुमिरन की आवश्यकता के संबंध में उन्होंने इतिहास के अनेकों दृष्टांत सांझे किए।
संपूर्ण कार्यक्रम से यह संदेश भी उजागर हुआ कि पूर्ण सतगुरु शिष्य के भीतर ईश्वर का दर्शन करवाने वाली सर्वोच्च व दिव्य शक्ति होते हैं। पूर्ण गुरु द्वारा प्रदत्त ‘ब्रह्मज्ञान’ आधारित ध्यान साधना का अभ्यास भक्त का परम कल्याण करती है। कार्यक्रम के समापन पर डीजेजेएस के सदस्यों द्वारा विश्व शांति के उद्देश्य हेतु एक घंटे की सामूहिक ध्यान साधना की गई।