शिक्षक युवा पीढ़ी के वो मार्गदर्शक होते हैं जो न केवल अच्छी शिक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि वे उन नैतिक मूल्यों को पारित करते हैं जो एक सभ्य और लिंग संतुलित समाज का निर्माण करते हैं। इस विचारधारा के साथ, डी.जे.जे.एस. संतुलन को महिला शिक्षा संघ द्वारा आयोजित प्रथम महिला शिक्षक सम्मेलन में महिला पुरुष समानता और महिला सशक्तिकरण के विषय पर जागरूकता उत्पन्न करने हेतु आमंत्रित किया गया। इस सशक्तिकरण कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ क्षेत्र के मुक्तकश मंच, प्रदर्शनी मैदान में 12 दिसंबर 2021 को आयोजित *इस सम्मेलन में पुरुष और महिला शिक्षक और दर्शक दोनों मौजूद रहे।
अधिवेशन की शुरुआत सरस्वती वंदना के साथ हुई, इसके बाद डी.जे.जे.एस. संतुलन की प्रतिनिधि साध्वी वेदवाणी भारती जी द्वारा एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया गया, जिसमें साध्वी जी ने कहा - "शिक्षण केवल एक पेशा नहीं है, अपितु यह एक ऐसा जुनून है जो समाज की दूषित मानसिकता को बदलने का दम रखता है।"
सैंकड़ों श्रोताओं को प्रचलित महिला विरुद्ध हिंसा के मुद्दों पर चर्चा के अलावा, योग सत्र, युवतियों द्वारा आकर्षक नृत्य नाटिका, देशभक्ति आधारित नृत्य जैसी विभिन्न गतिविधियों ने सम्मेलन को अतुलनीय बना दिया। इसके अलावा सम्मेलन में सुश्री शकुंतला भारती (पूर्व महापौर, अलीगढ़), सुश्री योगेश्वरी सिंह (जिला अध्यक्ष, महिला शिक्षा संघ), श्री ज्ञानेंद्र कुमार (सहायक वित्त और लेखा अधिकारी), श्री वीरेंद्र (प्रखंड शिक्षा अधिकारी) सहित शहर के गणमान्य लोगों ने भाग लिया व सभी ने कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
महिला सशक्तिकरण पर श्रोताओं को संबोधित करते हुए, साध्वी समाज ने दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में, ब्रह्मज्ञान आधारित ध्यान के अभ्यास द्वारा समग्र सशक्तिकरण का एकमात्र उपाय भी प्रदान किया। जिसके माध्यम से लिंग आधारित अन्याय और हिंसा को समाप्त कर समृद्ध समाज का निर्माण संभव हो सकता है। अंत में विश्व शांति के लक्ष्य को सार्थक करने के हेतु संस्थान द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न सामाजिक प्रकल्पों का अतिथियों को परिचय देकर सम्मेलन को समाप्त किया गया।