आज के युग में जहाँ शैक्षणिक सफलता में साधारणतः व्यक्तित्व एवं चारित्रिक विकास लुप्त हो जाता है ऐसे मेंमंथन - सम्पूर्ण विकास केंद्र बच्चों को मूल्यधारित शिक्षा प्रदान कर रहा है। मंथन सम्पूर्ण विकास केंद्र के अथक प्रयासोंसे बच्चों में न केवल शैक्षणिक प्रगति अपितु नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों को भी रोपित किया जा रहा है जिसके मध्यमसे वे सम्पूर्ण विकास को प्राप्त कर सकें।
प्रत्येक माह की भाँति अक्टूबर 2024 में भी मंथन सम्पूर्ण विकास केंद्र द्वारा लगभग 2346 बच्चों कोऑनलाइन एवं ऑफलाइन कार्यशालाओं से जोड़ा गया जिसकी सूची निम्नलिखित है-
आरोग्य संस्कारशाला- प्रत्येक माह की भांति अक्टूबर माह में आरोग्य संस्कारशाला का आयोजन किया गया।कार्यशाला का ध्येय था बच्चों में स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना। स्वस्थ अर्थात जो ‘स्व’ में ‘स्थित’ हो, इसीअवधारणा को लेकर शारीरिक व मानसिक आरोग्य के साथ-साथ आध्यात्मिक आरोग्य के विषय में बच्चों को रोचकगतिविधियों, विडियो, लघु-प्रस्तुतियों से समझाया गया।
जीवन कौशल कार्यशाला का सञ्चालन साध्वी अनीशा भारती जी ने किया। कार्यशाला में साध्वी जी नेबच्चों को तनाव-मुक्त करने हेतु छोटे-छोटे किन्तु उपयोगी उपाय बताए। साध्वी जी ने बच्चों को व्यायाम, ध्यान, रोचकगतिविधियों के माध्यम से अपने मन व भावनाओं को नियंत्रित करने के विषय में समझाया। साधारणतः, बच्चे तनाव मेंचिढ, गुस्सा, झगडालू आदि हो जाते है, साध्वी जी ने अत्यंत रोचक रूप से बच्चों के समक्ष इस तथ्य को रखते हुए सरलतरीकों से बच्चों में सदैव शांत एवं तनाव-मुक्त रहने के गुणों को संप्रेषित किया।
भारत गौरव गाथा- आओ करें भारत की सैर सत्र के अंतर्गत बच्चों को भारत की विभिन्न जीवंत कला कौशलके विषय में बताया गया। बच्चों ने इस सत्र के माध्यम से मधुबनी, वरली, पट्टचित्र आदि के विषय में जाना। साथ हीबच्चों ने इन कलाओं के केंद्र राज्यों और इनसे जुडी रोचक कहानियों को भी जाना।
SUPW सत्र में बच्चों ने पर्यावरण-अनुकूल मोम्बाती बनानी सीखी। यह सत्र प्रत्येक माह बच्चों के अन्दरकौशल कला को बढ़ा रहा है साथ ही यह उल्लेखनीय भी है की इस सत्र के माध्यम से बच्चे हस्त-कौशल एवं हाथ से बनीवस्तुओं में गहरी रूचि ले रहें है।
मंथन - सम्पूर्ण विकास केंद्र के विभिन्न केन्द्रों में बच्चों हेतु स्टडी-टेबल, स्वेटर, जैकेट आदि वितरित की गई। इसपहल हेतु मंथन सभी स्पोंसोर्स एवं कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता है।
अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM)- माता-पिता और शिक्षकों के बीच प्रबल संचार को बढ़ावा देने हेतु इसबैठक को आयोजित किया गया। इसके द्वारा शिक्षकों ने अभिभावकों से बच्चों की शैक्षणिक प्रगति एवं सुधार के क्षेत्रोंपर चर्चा की। गत मास से अब तक बच्चों में आए सुधार एवं सुधार के क्षेत्रों पर भी शिक्षकों द्वारा अभिभावकों के साथविस्तृत चर्चा की गई।