“ योगश्च चित्तवृत्ति निरोध” अर्थात् मन की वृत्तियों पर नियंत्रण करना ही योग है । योग भारत की प्राचीन संस्कृति का हिस्सा है जिसकी वजह से भारत सदियों तक विश्व गुरु रहा है । मूल रूप से योग न केवल व्यायाम का एक रूप है बल्कि यह स्वस्थ, खुशहाल और शांतिपूर्ण तरीके से जीने का एक प्राचीन ज्ञान है। जब शरीर और मन शांत व स्थिर होते हैं तो अपने आप ही आत्मविश्वास बढ़ता है तथा विपरीत परिस्थितियों को समझने में सहायता मिलती है। जिस योग को स्वामी रामदेव जी ने गुफाओं और कंदराओं से निकालकर आम जन तक पहुँचाया था उसी योग को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक कदम आगे बढाकर विश्व पटल पर स्थापित कर दिया है। और इसी का परिणाम है कि 2015 से प्रत्येक वर्ष 21 जून “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” के रूप में बड़े उत्साह के साथ विश्वभर में मनाया जा रहा है I योग के लाभ से कोई वंचित न रहे इसके लिए मंथन- संपूर्ण विकास केंद्र ने भी अपने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और बिहार स्थित 19 केन्द्रों में 21 जून 2019 को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” के उपलक्ष्य पर एक दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया जिसमें सभी केन्द्रों के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों ने पूर्ण उत्साह से योग के बहुत ही सरल एवं सुलभ आसनों का अभ्यास किया I
इस समारोह में सभी बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और योग-प्राणायाम करके अपने दिन की शुरूआत की । योग शिविर में नियमों के अनुसार विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराया गया। इस दौरान योग शिक्षकों ने ध्यान लगवाकर बच्चों को योग से होने वाले लाभ की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि नियमित योग करने से हमें विभिन्न रोगों से मुक्ति मिलती है। योग तन और मन के विकारों को दूर करता है। यह हमें एक सेहतमंद जीवनशैली सिखाता है तथा तनाव से भी दूर रहने में मदद करता है I योग करने से जहां शरीर में स्फूर्ति आती है। वहीं शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसलिए हमें बचपन से ही योग के अभ्यास करना चाहिए I अंत में सभी बच्चों ने ध्यान की मुद्रा में कुछ समय बिताया और समारोह का समापन किया I