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सही कहा जाता है कि बच्चे कोमल मिट्टी की तरह होते हैं, जिन्हें आसानी से उन सांचों में  ढाला जा सकता है जिस तरह का आकार माता-पिता उन्हें देना चाहते हैं। जीवन के प्रारंभिक वर्षों में सही मूल्य, बौद्धिक और नैतिक विकास को बढ़ावा देने और शिक्षाविदों से परे किसी व्यक्ति को पोषित करने की नींव प्रदान की जाती है। स्कूल से छुट्टियों का समय बच्चों को विभिन्न गतिविधियों में शामिल करने का सबसे अच्छा मौका होता है, जिससे वे अपनी आत्म से जुड़ सकते हैं। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, परम पूज्य श्री आशुतोष महाराज जी के पावन व दिव्य मार्गदर्शन के तहत 31 मई से 8 जून 2018 तक जयपुर शाखा में "कोशिश एक आशा- ज़िन्दादिली के लिए तैयार हो जाओ" के विषय के साथ 9 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कैंप का आयोजन किया गया।

Koshish Ek Asha – A Vitalising Summer Camp for Children held at DJJS Jaipur, Rajasthan

यह एक ऐसा बहुमुखी शिविर था जिसमें विभिन्न गतिविधियों द्वारा बच्चों के बीच उत्साह पैदा किया गया। इसके अंतर्गत योग, तायक्वोंडो (मार्शल आर्ट), नृत्य, अभिनय, वाद्ययंत्र बजाना, चित्रकारी, वेद मंत्रोचारण, संस्कृत शिक्षण, नैतिक मूल्य की सीख आदि बहुत कुछ शामिल रहा। शारीरिक विकास, रचनात्मकता विकास, संज्ञानात्मक विकास, नैतिक-आध्यात्मिक विकास, मनो-सामाजिक विकास जैसे विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए सभी गतिविधियों को डिजाइन किया गया, जो किसी भी बच्चे के समग्र विकास हेतु आवश्यक हैं।

कई भीतरी और बाहरी गेम खेले गए, जिनमें परिस्थितियों से बच्चों को ध्यान केंद्रित करने, सह-खिलाड़ियों की देखभाल करने, आत्म-नियंत्रण, अनुशासन आदि कई पहलू उदाहरणों की सहायता से समझाए गए। बच्चे रोमांच से भरे नज़र आए और हर दिन उपहार व आचार्य के रूप में उनके लिए नई शिक्षाओं को रखा गया। संस्थान प्रतिनिधि प्रत्येक बच्चे के साथ संबंध साधते हुए एक-एक के साथ पूरी तरह से शामिल हुए। इस कैंप में क्षेत्र के गरीब तबके के कुछ अभावग्रस्त बच्चों सहित बहुत से अन्य बच्चों ने भी भाग लिया।

Koshish Ek Asha – A Vitalising Summer Camp for Children held at DJJS Jaipur, Rajasthan

बच्चों को अपने सच्चे आत्मिक स्वरुप से जोड़ने के लिए और अंतर्निहित क्षमताओं के बारे में जागरूक करने के लिए एक दिन आध्यात्मिक सत्र का भी आयोजन किया गया। हम आगे भविष्य में क्या बनते हैं, बचपन के अनुभव दृढ़ता से इस बात को प्रभावित करते हैं। इसलिए चरित्र निर्माण के स्रोत और अपनी भीतरी शक्ति से जुड़ने का यह आधारभूत कार्य करने का यह महत्वपूर्ण व मूल्यवान समय है। कार्यक्रम में ब्रह्मज्ञान पर भी चर्चा की गई और उन्हें पूर्ण सतगुरु के महत्व के बारे में भी समझाया गया। उन्हें सिखाया गया कि वास्तव में तीसरी आंख के द्वारा भगवान को कैसे देख सकते हैं और हमारे जीवन में प्रार्थना का क्या महत्व है। इसके अलावा, बच्चों को राष्ट्र भक्तों और उनके जीवन चरित्रों से परिचित करवाया गया व साथ ही पर्यावरण के बारे में बताते हुए बच्चों को पानी और कागज की बचत कर माँ पृथ्वी की रक्षा करने की आवश्यकता के बारे में भी समझाया गया। प्रत्येक बच्चे ने खुद को पूरी तरह से कार्यक्रम में शामिल किया और इस कैंप द्वारा उनकी क्षमताओं को पोषित किया गया। बच्चों के लिए यह कार्यक्रम एक समृद्ध और फलदायी अनुभव साबित हुआ।

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