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श्री कृष्ण का जीवन इस तथ्य का एक आदर्श उदाहरण था कि सांसारिक अग्नि के बीच कैसे रहना है। भगवान कृष्ण समझाते है कि कर्म, ज्ञान और भक्ति द्वारा ईश्वर को प्राप्त व प्रसन्न किया जा सकता है। यह प्रसन्नता और मोक्ष को प्राप्त करने का निश्चित तरीका है। ज्ञानी होने पर निष्काम भाव से कर्म करने का गुण प्राप्त होता है। ईश्वर की भक्ति द्वारा आत्मनिरीक्षण और सांसारिक इच्छाओं को दूर करना सम्भव हो पाता है। इन तीनों प्रयासों से भ्रम या माया दूर होती है।

भगवान कृष्ण प्रेम और दिव्य आनंद के अवतार हैं, जो सभी दर्द और पाप को नष्ट कर देते हैं। श्री कृष्ण सभी प्रकार के ज्ञान के प्रवर्तक हैं, जो प्रेम का धर्म स्थापित करने के लिए अवतरित  हुए। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने मंडी डबवाली, हरिणाया में 18 दिसम्बर से 22 दिसम्बर 2018 तक पांच दिवसीय कृष्ण कथा का कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम भगवान कृष्ण के चरणों में प्रार्थना के साथ शुरू हुआ, जिसके बाद दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रशिक्षित संगीतकार शिष्यों द्वारा मधुर भक्ति गीतों ने विशाल सभा का दिल जीत लिया।

आध्यात्मिक गुरु सर्व श्री आशुतोष महाराज जी कि शिष्या साध्वी त्रिपदा भारती जी ने भगवान कृष्ण की दिव्य लीलाओं में निहित गूढ़ तथ्यों को भक्तों के समक्ष रखा। उन्होंने प्रभु की कई दिव्य लीलाओं की व्याख्या करते हुए समझाया कि सर्वोच्च ईश्वर सभी के हृदय में वास करते हैं परन्तु समय आने पर सतगुरु रूप ने जगत को शिक्षा देने हेतु प्रगट होते हैं। भगवान कृष्ण ने अपने ज्ञान द्वारा समाज को आध्यात्मिकता और भौतिकता के सत्य से परिचित करवाया।
 
इस प्रकार, ब्रह्मज्ञान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि एक पूर्ण सतगुरु इस प्रक्रिया द्वारा साधक के दिव्य नेत्र को जागृत करते हैं। साध्वी जी ने ब्रह्मज्ञान की गहनता को समझाया कि इस दिव्य तकनीक के माध्यम से सभी व्यक्ति अपने स्रोत से जुड़ सकते है और  संपूर्ण विश्व एकजुट हो सकता है। वर्तमान के पूर्ण सतगुरु श्री आशुतोष महाराज जी आज यह तकनीक सभी को प्रदान कर रहे हैं।
 
महत्वपूर्ण उपाख्यानों और दिव्य संगीत के समामेलन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भक्त संगीतकारों ने अपने दिव्य संगीत के माध्यम से दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। प्रत्येक बीतते दिन के साथ श्रोताओं की संख्या बढ़ती गई, जिससे कार्यक्रम को बड़ी सफलता मिली।
 

Krishna Katha Laid the Path of Eternal Love and Happiness at Mandi Dabwali, Haryana

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