किसी ने बहुत सुन्दर कहा “एक श्रेष्ठ वक्ता बनने से पहले अच्छे श्रोता बनना सीखें ।” मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का एक सामाजिक प्रकल्प है जो कई वर्षों से देश के अभावग्रस्त बच्चों को बिना किसी शुल्क के मूल्याधारित शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उनके संपूर्ण व्यक्तित्व को निखारने हेतु प्रयासरत है । इसी प्रयास में मंथन समय-समय पर बच्चों के शैक्षिक, आध्यात्मिक, नैतिक, सामाजिक मूल्यों के विकास हेतु विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करता रहता है ।
इसी श्रृंखला में 20 अक्टूबर 2018 को मंथन के मंगोलपुरी केंद्र में विद्यार्थियों में एक अच्छे श्रोता के कुछ गुणों को आत्मसात करने के उद्देश्य से एक लाइफ स्किल सत्र का आयोजन किया गया किया गया । कार्यक्रम का मुख्य आयोजन दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की प्रचारिका साध्वी अनीशा भारती जी द्वारा किया गया जिसमें उन्होंने छात्रों को एक श्रेष्ठ श्रोता के गुणों की चर्चा करते हुए बताया कि किस प्रकार अच्छा श्रोता होना आपको दूसरों की आँखों से दुनिया देखने का एक मौका देता है। यह आपकी समझ और सहानुभूति की क्षमता को बढ़ाता है। यह आपको अपनी संवाद क्षमता को बढ़ा कर अपने संपर्कों को बढ़ाने में भी सहायता करता है। श्रोता के गुणों को बच्चे भली-प्रकार समझ सकें इसके लिए बच्चों से स्लाइड्स व विडिओ द्वारा पहेलियों पूछी गईं जिनको सुनकर बच्चों ने जवाब दिए । इसके बाद साध्वी जी ने बताया कि संचार को प्रभावी और जीवंत बनाने के लिए, न केवल एक अभिव्यक्तिपूर्ण वक्ता होना बल्कि एक सहानुभूतिपूर्ण श्रोता होना भी महत्वपूर्ण है। इस विचार के व्यावहारिक पक्ष की बेहतर स्पष्टता और समझ सुनिश्चित करने के लिए छात्रों को विभिन्न खेलों और गतिविधियों के माध्यम से समझाया गया । अंत में, सत्र को अधिक रोचक और आकर्षक बनाने के लिए एक प्रश्न उत्तर दौर आयोजित किया गया । कुल मिलाकर, कार्यक्रम जीवंत रहा । बच्चों ने एक अच्छे श्रोता के गुण सीखे जो निश्चित ही उनके भावी जीवन में लाभप्रद सिद्ध होगा ।
इस प्रकार मंथन समय-समय पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक व संचालक सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के आशीर्वाद से बच्चों के संपूर्ण विकास हेतु प्रयासरत रहता है ।