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आधुनिकीकरण और अम्लीकरण का वर्तमान युग अपने साथ दैनिक जीवन से जुड़ी व्यक्तिगत, पारिवारिक, व्यवसायिक, समय प्रबंधन, क्रोध एवं तनाव प्रबंधन जैसे अनेकों समस्याओं को साथ लाया है। इन्हीं व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक समस्याओं को दूर करने एवं व्यक्ति को सशक्त करने के उद्देश्य से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा देश एवं विदेश में व्यवसायी जगत, सरकारी संगठनों, स्कूलों, प्रबंधन एवं इंजीनियरिंग संस्थानों और विश्वविद्यालयों में जीवन प्रबंधन (लाइफ मैनेजमेंट) व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन करता रहता है। इसी श्रृंखला में  गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य सानिध्य में डीजेजेएस प्रतिनिधि साध्वी ओमप्रभा भारती जी द्वारा 15 फरवरी 2019 को जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, कपूरथला, पंजाब में एक विचारोत्तेजक व्याख्यान दिया गया। "लाइफ मैनेजमेंट" के विषय पर आधारित इस व्याख्यान को सुन्दर तर्कों के साथ प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में गोयनका समूह के प्रबंधन, प्रशासन एवं कर्मचारियों की भागीदारी रही।

Lecture on Life Management Unfolded the Secrets of a Blissful Life at GD Goenka School, Punjab

साध्वी जी ने बताया कि जीवन शैली में अपने काम में सही सामंजस्य स्थापित करने के लिए सोच विचार कर विवेक के साथ निर्णय लेना अत्यंत आवश्यक है। जीवन में शांति प्राप्त करने ले लिए यह नितांत आवश्यक है कि मनष्य जीवन में नकारात्मकता से दूर सकारात्मकता की ओर अग्रसर रहे। आत्मबोध के माध्यम से हमारे ह्रदय का रूपांतरण संभव है। मन के इसी रूपांतरण से हमारे भीतर सकारात्मक परिवर्तन आते है जो कि निसंदेह हमारे पारिवारिक स्तर एवं कार्यस्थल को प्रभावित करते है। 

साध्वी जी ने कहा कि आत्म साक्षात्कार के द्वारा मनुष्य आत्म उन्नति की ओर उन्मुख होता है। निरंतर ध्यान साधना के माध्यम से उसके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार रहता है और वह विपरीत परिस्थितियों में भी स्वयं को स्थिर रख पाता है।

Lecture on Life Management Unfolded the Secrets of a Blissful Life at GD Goenka School, Punjab

जीवन के सभी क्षेत्रों में निरंतरता से बढ़ते रहने के लिए हमें एक प्रशिक्षक एक आध्यात्मिक गुरु की परम  आवश्यकता है जिनके साथ मन और आत्मा का सम्बन्ध स्थापित किया जा सकता है। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी एक पूर्ण गुरु है जो ब्रह्मज्ञान के द्वारा जनमानस को आत्मिक स्तर पर जागृत कर उनके भीतर परिवर्तन की एक क्रांति लाने की दिशा में प्रयासरत है। आंतरिक स्तर पर जागृत व्यक्ति ही वास्तविक स्वतंत्रता एवं परमानन्द  की प्राप्ति कर अपने पारिवारिक एवं व्यवसायिक दायित्वों का उचित प्रकार निर्वाह कर पाता है।

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