जीवन में जन्म से मृत्यु तक एक झूले के समान निरंतर बहुत उतार चढ़ाव आते है। प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अनेक अप्रत्याशित घटनाओं का साक्षी है। इसके उपरांत भी जीवन निर्वाह का कार्य सदैव चलायमान रहता है। एक व्यक्ति जीवन में जब अपने भविष्य से अनभिज्ञ हो निराशा का दामन थाम लेता है, तब विवेक द्वारा ही वह इस स्थिति को परिवर्तित कर सकता है।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, जीवन की प्रतिकूल परिस्तिथियों में भावनाओं एवं मानसिकता के प्रबंधन हेतु सर्वोत्तम एवं व्यवहारिक समाधान प्रदान करने हेतु प्रयासरत है। हाल ही में 8 अप्रैल 2019 को दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की प्रतिनिधि साध्वी ओमप्रभा भारती जी ने जीवन को सरल एवं विवेकी तरीके से प्रबंधित करके हेतु अनेक समाधानों को सांझा किया। यह व्याख्यान जेपी सूचना प्रौधोगिकी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश में किया गया।
साध्वी ओमप्रभा भारती जी ने जीवन को प्रबंधित करने हेतु सरल प्रबंधनीय उपायों को साँझा किए। उन्होंने समझाया कि जीवन की घटनाओ पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता, लेकिन उनके प्रति व्यक्ति अपने दृष्टिकोण और प्रतिक्रियाओं पर अवश्य नियंत्रण रख सकता है। ऐसा नहीं है कि चुनौतियाँ व्यक्ति के मार्ग की बाधा है अपितु इन्हीं चुनौतियों के माध्यम से वह आगे बढ़ सकता है।
ब्रह्मज्ञान ही वह एक मात्र साधन है जो हमें सीमित दृष्टि से विस्तृत दृष्टि प्रदान कर सामर्थ्यवान बनाता है। साध्वी जी ने बताया कि समय के पूर्ण सद्गुरु द्वारा ब्रह्मज्ञान प्रदान कर जीवन सही दिशा की ओर अग्रसर हो जाता है। गुरु के मार्गदर्शन एवं उपदेशो का पालन करने से शिष्य श्रेष्ठता के शिखर पर पहुँच जाता है।
कार्यक्रम के माध्यम से लोगो की विभिन्न शंकाओ का स्पष्टीकरण कर उन्हें श्रेष्ठ समाधान दिया गया। सत्र में उपस्थित लोग इस तथ्य को स्वीकार कर पाए कि अंतर्निहित सामर्थ्य के समक्ष जीवन की सभी समस्याएं गौण है। साध्वी जी द्वारा दिए गए समाधानों को जानकर उपस्थित श्रोतागण लाभान्वित हुए।
समस्त श्रोताओं को ऊर्जावान तथा साहसपूर्ण जीवन जीने का उत्साह मिला और उन्होंने अनुभव किया कि व्यक्ति को समस्याओ एवं चुनौतियों से कभी नहीं डरना चाहिए बल्कि साहस और उत्साह से उनका सामना करना चाहिए।