कोरोना संक्रमण के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे भारत को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने "आत्मनिर्भर भारत" और "डिजिटल इंडिया" की आशा दिखाई है और इस आशा को किरण मिली है "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" से। सरलतम शब्दों में कहें तो “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” का अर्थ है एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जाता है। भारत के आम परिवारों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रति जागरूकता का अभाव है जिसके चलते विद्यालयों, विश्व-विद्यालयों एवं अन्य संस्थाओं को आगे आना होगा तथा अपने-अपने स्तर पर प्रयास करने होंगे। इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने से हम वैश्विक स्तर पर आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकेंगे। वहीं तकनीकी रूप से सुदृढ़ होने पर हमारी अर्थव्यवस्था की आर्थिक वृद्धि को भी रफ्तार दी जा सकेगी।
इसी सन्दर्भ में पीतमपुरा स्थित दरबारी लाल DAV मॉडल स्कूल ने 8 अगस्त, 2020 को STEMROBO नामक एक तकनीकी संस्थान के सहयोग से विशेष प्रयासों के द्वारा "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" विषय पर वेबिनार का आयोजन किया जिसमें अन्य स्कूलों के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया। मंथन-सम्पूर्ण विकास केंद्र की शकूरपुर शाखा के शिक्षक और छात्र भी इस कार्यक्रम का हिस्सा रहें।
तीन मुख्य विषय, कंप्यूटर विज़न, NLP (Natural Language Processing) तथा Data Analytics इस वेबिनार का मुख्य आकर्षण रहे। विषय विशेषज्ञ ने उपस्थित प्रतिभागियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं इसकी उपयोगिता से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कौन-कौन से पहलू होते हैं और इनका क्या उपयोग है। बच्चों की समझ को और प्रगाढ़ करने के लिए उन्हें प्रयोग के माध्यम से भी समझाने का प्रयास किया गया। अंत में उन्होंने वेबिनार में भाग ले रहे छात्र -छात्राओं से, दी गई जानकारी के संबंध में सवाल भी किए।
बच्चों के भविष्य निर्माण में सहायक इस वेबिनार के आयोजन के लिए मंथन-सम्पूर्ण विकास केंद्र, दरबारी लाल DAV मॉडल स्कूल और STEMROBO संस्थान का हार्दिक अभिनन्दन करता है तथा अपना आभार प्रकट करता है। मंथन-सम्पूर्ण विकास केंद्र, जो कि दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा संस्थापित एवं संचालित एक सामाजिक प्रकल्प है, देश के अभावग्रस्त बच्चों को निशुल्क एवं मूल्याधारित शिक्षा प्रदान कर न केवल उन्हें जीवनयापन हेतु शिक्षित कर रहा है अपितु उन्हें देश की मुख्य धारा से जोड़ "आत्मनिर्भर भारत" के निर्माण हेतु तैयार भी कर रहा है।