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भारत में नवरात्रि पर्व नौ दिवसों तक पुरे उल्लास व जोश से मनाया जाता है। इन आयोजनों में लोग भारी संख्या में उपस्थित हो बुरी शक्तियों पर मां दुर्गा की जीत का जश्न मनाते हैं। नवरात्रि उपलक्ष पर 11 अक्टूबर 2018 को दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा पंजाब के बठिंडा क्षेत्र में माता की चौकी का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी मनसवनी भारती जी ने मुख्य वक्ता के रूप में विचार प्रदान किए।

Mata Ki Chowki Created Divine Aura at Bathinda, Punjab

हमारे पवित्र ग्रंथों में ऐसी अनेक घटनाओं व कथाओं का वर्णन आता है, जहाँ देवी माँ ने अपनी शक्ति और बुद्धि की महिमा को सिद्ध किया है। भारत में माँ भगवती के विभिन्न रूपों का पूजन किया जाता है। माँ की शक्ति जहाँ एक रूप में सृष्टि की पालना करती है तो वहीँ दुसरे रूप में नकरात्मकता का विध्वंस करती है। माँ अन्नपूर्णा के रूप में भोजन और पोषण प्रदाता हैं, दुर्गा रूप में बुराई को नष्ट करती हैं, लक्ष्मी रूप में ऐश्वर्य देने वाली हैं और माँ सरस्वती के रूप में विद्यादात्री हैं। माँ के विभिन्न रूपों से संकेत मिलता है कि एक नारी भी अपने जीवन में अलग-अलग भूमिका निभाती है। माँ दुर्गा साहस की प्रतीक है जो दर्शाती है कि एक महिला अपने जीवन में जो भी चाहती है उसे प्राप्त कर सकती है। वह अपने सभी सपनों को पूरा करने में सक्षम है। साध्वी जी ने ग्रंथों से कई उपाख्यानों का उल्लेख करते हुए देवी व नारी की महिमा का वर्णन किया। यह कार्यक्रम सुमधुर संगीत के साथ ऊर्जा से भरा था। प्रशिक्षित संगीतकार शिष्यों द्वारा दिव्य संगीत का गायन व साध्वी जी के विचारों से निर्मित आभा से लोगों ने दिव्य ऊर्जा का अनुभव किया। साध्वी जी ने माँ के विभिन्न अवतारों को समझाते हुए कहा कि माँ के यह सभी रूप हमें दिव्य लक्ष्य की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित करते है। उन्होंने कहा कि माता के रूपों का वास्तविक महत्व केवल वही समझ सकता है जो उनसे आंतरिक रूप से जुड़ा हुआ है।

साध्वी जी ने लोगों को शाश्वत ज्ञान- ब्रह्मज्ञान का संदेश प्रदान किया। उन्होंने बताया कि मानव ब्रह्मज्ञान द्वारा आत्मिक स्तर पर जागृत होकर ही देवी भगवती के विभिन्न रूपों के महत्व को समझ सकता है। संगीत की सुमधुर लहरियों ने कार्यक्रम में उपस्थित भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारी संख्या में भक्तों की उपस्थित कार्यक्रम सफलता का प्रमाण रही।

Mata Ki Chowki Created Divine Aura at Bathinda, Punjab

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