3 अक्टूबर, 2021 को श्री आशुतोष महाराज जी की महती अनुकंपा व कृपा से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा मासिक भंडारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। शिष्यत्व के पथ पर भक्तों में उत्साह का संचार करने के लिए पंजाब की तरनतारन शाखा द्वारा यह कार्यक्रम रखा गया। यह कार्यक्रम कोविड-19 महामारी काल में उत्पन्न हुए अवसाद व नकारात्मकता से उबरने का कारगर साधन सिद्ध हुआ।
कार्यक्रम द्वारा परिवर्तनशील परिस्थितियों व अत्यधिक अस्थिर समय में भी शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक स्वास्थ्य अर्जित करने पर बल दिया गया। जब वैश्विक स्तर पर हर ओर नकारात्मकता के अंधकार का अनुभव कर साधारण जन स्वयं को असहाय महसूस कर अवसाद की गहन गहराईयों में गिरने लगता है। तब ऐसे विकट समय में पूर्ण तत्ववेत्ता सतगुरु के ब्रह्मज्ञानी शिष्यों पर भक्ति और समर्पण के माध्यम से सकारात्मकता रूपी प्रकाश फैलाने का दायित्व आ जाता है। विश्व कल्याण की भावना से ओत-प्रोत हो समाज परिवर्तन की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए प्रत्येक साधक को सहर्ष उपस्थित होना चाहिए। भजनों व प्रभावशाली विचारों की श्रृंखला ने साधकों को निरंतर ब्रह्मज्ञान की साधना द्वारा भीतरी युद्ध जीतकर, विश्व शांति के दिव्य मिशन में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
श्री आशुतोष महाराज जी के विद्वत संत-समाज ने दिव्य विचारों की श्रृंखला से इतिहास में हुए अनेक भक्तों के उद्धरण प्रस्तुत किए। उनकी दिव्य जीवन गाथाओं से प्राप्त होने वाले अनेक प्रेरणादायी पहलुओं के साथ-साथ उनकी गुरुभक्ति को भी उजागर किया गया। ध्रुव, प्रहलाद, मीराबाई जैसे भक्तों ने अपने अटूट समर्पण भाव द्वारा सतगुरु की दिव्य कृपा व उनके सर्वोच्च पारलौकिक प्रेम की अनुभूति भी की। दिव्य तरंगों से सजे भजनों ने सम्पूर्ण वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया।
प्रचारक गणों ने प्रवचनों के माध्यम से समझाया कि जब-जब भी मनुष्य के अंतर्मन और बाहरी संसार में दुर्भावनापूर्ण वृतियों का प्रभाव बढ़ता है, तब मात्र आदिनाम की खड्ग व अंतरात्मा के प्रकाश द्वारा ही नकारात्मकता को ध्वस्त किया जा सकता है। सतगुरु कृपा से ब्रह्मज्ञान की दिव्य सनातन विधि से विश्वस्तरीय सकारात्मक परिवर्तन लाए जा सकते हैं। साथ ही, उन्होंने साधकजनों को हर संभव प्रयास द्वारा ब्रह्मज्ञान की दिव्य ध्यान-साधना के पुंज को सघन करने के लिए भी प्रेरित किया। सामूहिक ध्यान-साधना, विश्व कल्याण हेतु प्रार्थना व अंत में भण्डारे के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।