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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा भक्तों में आंतरिक शांति व आध्यात्मिक ज्ञान के संदेश को प्रचारित करने हेतु 14 अगस्त 2022 को नूरमहल, पंजाब में भव्य मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति देखी गई। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के मंचासीन प्रचारक शिष्यों द्वारा कार्यक्रम में प्रेरणादायक विचारों एवं भक्ति भावों से ओतप्रोत सुमधुर भजनों की सुंदर प्रस्तुति की गई। 

डीजेजेएस प्रतिनिधियों ने शाश्वत ज्ञान की विधि व जीवन में आध्यात्मिक जाग्रति के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रेरणादायक विचारों द्वारा समझाया कि यदि व्यक्ति ब्रह्मज्ञान की ध्यान-साधना से अंतर जगत की गहराइयों में उतरना सीख जाए, तो मन में उठती तरंगों व जीवन की सभी समस्याओं को जड़ से मिटाया जा सकता है। मानव तन हमें ईश्वर से मिलने और उनमें एकाकार होने का ईश्वर द्वारा ही एक सुअवसर प्रदान किया गया है। इसलिए हमें समय के पूर्ण सतगुरु की खोज करनी चाहिए जो हमें ब्रह्मज्ञान प्रदान कर ईश्वर के दिव्य नाम के साथ जोड़ दें। उन्होंने बताया कि ‘आत्मज्ञान’ हमारे आध्यात्मिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण ईंधन है। हम बाह्य जगत में सुख व शांति का अनुभव तभी कर सकते हैं जब हमारा अंतर्मन शांत होगा। आध्यात्मिक रूप से जागृत व्यक्ति अपनी नकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित व उन्मूलन कर सकारात्मक भावों में बदलने की कला सीख जाता है। ऐसा आत्मनिरीक्षण वैश्विक विकृतियों से मुक्ति प्राप्त करने में अमोघ उपाय सिद्ध होता है।

Monthly Spiritual Congregation at Nurmahal, Punjab Emphasized the Need for Spiritual Awakening

डीजेजेएस के प्रतिनिधियों ने सारांशित करते हुए कहा कि पूर्ण सतगुरु हमारे शाश्वत मित्र व जीवन के प्रशिक्षक होते हैं। अपनी जीवन रूपांतरण आध्यात्मिक यात्रा का शुभारंभ करने के उपरांत, हमें ऐसे सतगुरु के श्री चरण कमलों में पूर्ण विश्वास, समर्पण व अशर्तीय प्रेम अर्पित करना चाहिए जैसा प्रेम ‘रूमी’ ने अपने गुरु ‘शम्स तबरेज’ को किया। चिरस्थायी आनंद प्राप्त करने के लिए स्वयं को ‘ब्रह्मज्ञान’ के सिद्धांतों से सुशोभित रखना अति आवश्यक है। ब्रह्मज्ञान की ध्यान-साधना हमारे भावनात्मक व आध्यात्मिक स्तरों को बढ़ाने के साथ-साथ प्रसन्नता के स्तर को भी बढ़ती है, अतः हमें ईश्वरीय चेतना से जोड़ने में सहायक सिद्ध होती है। इसकी महत्ता को दर्शाते हुए शास्त्रों द्वारा उद्घोषित किया गया कि बाह्य व आध्यात्मिक जगत में सफलता प्राप्त करने का यही उच्चतम मार्ग है। नियमित ध्यान-साधना और सेवा भक्त को जीवन में निष्पक्षता व शांति प्रदान करती है।

कार्यक्रम के अंत में, उपस्थित संगत ने सामूहिक साधना द्वारा जन कल्याण व विश्व शांति के लिए अपनी प्रार्थना अर्पित की। कार्यक्रम में आए सभी भक्तों ने स्वयं को आध्यात्मिक पथ पर प्रेम व भक्ति से समृद्ध पाया।

Monthly Spiritual Congregation at Nurmahal, Punjab Emphasized the Need for Spiritual Awakening

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