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5 जनवरी 2020 को दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा डबवाली मलको की, पंजाब में मासिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आए सभी श्रद्धालुओं ने आध्यात्मिक मार्ग पर उत्साह से आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त की। गुरुदेव श्री आशुतोष  महाराज जी के प्रचारक शिष्य एवं शिष्याओं ने समझाया गया कि मानव जीवन का उद्देश्य अपने भीतर आत्मा तत्त्व को जानना है। हमारे वेदों और ग्रंथों में कहा गया है कि परमात्मा एक है और वह सर्वव्यापी है। आज मानव की यह विचारधारा बन चुकी है कि जिस प्रकार संसार में किसी भी गंतव्य तक पहुँचने के लिए विभिन्न मार्ग हैं उसी प्रकार ईश्वर को प्राप्त करने के भी अनेक उपाय हैं। परन्तु शास्त्र-ग्रंथों में यह वर्णित हैं कि ईश्वर चर्चा एवं पठन-पाठन के एकाधिक तरीके हो सकते हैं पर उसे प्राप्त करने का एक ही मार्ग है। और वह मार्ग पूर्ण सतगुरु ही दिखाते है, और वह है ब्रह्मज्ञान की ध्यान साधना का मार्ग!

Monthly Spiritual Congregation Recapitulated the Essence of Spirituality at Dabwali Malko Ki, Punjab

सत्संग विचारों में ने विस्तारपूर्वक बताया गया कि इसी ध्यान पद्धति द्वारा ही एक शिष्य अपने भीतर ईश्वर की  परम ज्योति यानि प्रकाश स्वरूप का दर्शन करता है। ध्यान की यह शाश्वत विधि ही मानव में शांति स्थापित करने की क्षमता रखती है। इस विधि द्वारा ही मनुष्य को यह ज्ञात हो पाता है कि सभी प्राणियों में एक ही ईश्वरीय शक्ति विद्यमान है।

ब्रह्मज्ञान मात्र तृतीय नेत्र का जागृत होना नहीं है, अपितु यह तो मानव चेतना का ईश्वर के साथ मिलाप है। ब्रह्मज्ञान की यह विधि सभी धर्मग्रंथों में वर्णित है। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को यही ज्ञान प्रदान कर उनके अनिश्चित मन को सहजता प्रदान की थी। वर्तमान समय में भी गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी यही ब्रह्मज्ञान की ध्यान साधना द्वारा समाज को आत्मिक पवित्रता प्रदान कर रहे है। मासिक भंडारे कार्यक्रम में उपस्थित सभी श्रधालुओं ने मानव जीवन के वास्तविक उद्देश्य को जान परम आनंद का अनुभव किया।

Monthly Spiritual Congregation Recapitulated the Essence of Spirituality at Dabwali Malko Ki, Punjab

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