अपने संपूर्ण जीवन में हम अनेको ऐसे काम करते है जिनके माध्यम से हमे आनंद और संतुष्टि की प्राप्ति हो सकेl परन्तु इस सुखद एहसास भावना कभी नहीं आती है l बल्कि ये सभी प्रयास हमे समाज में केवल भौतिकवादी सफलता प्रदान करते है जो हमे स्वार्थी बनाते है l व्यक्ति अपने पाप कर्मो के नियंत्रणाधीन होते है और यही कर्म मनुष्य को ईश्वर से दूर ले जाते है l ऐसी स्थिति में हमें एक पूर्ण गुरु की आवश्यकता होती है जो हमें आध्यात्मिकता तथा आतंरिक शांति के मार्ग पर ले जा सके ताकि जीवन में हमें आनंद और शांति की प्राप्ति हो सके l लेकिन जैसे एक उल्टा कटोरा पानी से नहीं भरा जा सकता ठीक इसी प्रकार से अगर हम गुरु से आतंरिक रूप से नहीं जुड़ेगे तब तक उनकी कृपा प्राप्त नहीं कर सकते l इसीलिए हमें गुरु -शिष्य सम्बन्धो को अंदर से मजबूत बनाये रखना होगा l
गुरु-शिष्य सम्बन्ध को दृढ़ करने हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है l ऐसा ही एक कार्यक्रम 17 नवंबर 2019 को देहरादून, उत्तराखंड में आयोजित किया गया l इन मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रमों द्वारा वास्तविक भक्ति के माध्यम तथा अर्थ को श्रद्धालुओं के समक्ष रखा जाता है क्योकि यह आध्यात्मिक तथा समग्र मार्ग है, और सच्ची भक्ति तभी संभव है जब मनुष्य पूर्ण गुरु के चरणो, में पूर्ण समर्पण करे तथा ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर जीवन को सफ़ल बनाए! इस कार्यक्रम का शुभारम्भ वैदिक मंत्रो के उच्चारण तथा भक्तिमय भजनों से किया गया l संस्थान के विद्वत प्रचारकों ने साधना (ध्यान) के महत्व को समझाते हुए बताया कि साधना के माध्यम से साधक अपने मन पर पूरी तरह नियंत्रण रखने में समर्थ हो सकता है l ध्यान- साधना से मन के सारे विकार धीरे- धीरे समाप्त होने लगते है तथा अंतर्गत जाग्रत तथा चैतन्य होने लगता है l आगे उन्होने बताया कि एक साधक को अपने गुरु के प्रति निस्वार्थ भाव से सच्चा व पूर्ण समर्पण करना चाहिए साथ उसे अपने जीवन में आने वाली प्रत्येक चुनौती को स्वीकार करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए l सेवा के किसी भी संभावित अवसर को सेवक द्वारा ख़ुशी से ग्रहण करना चाहिए क्योकि तभी वे गुरु की शिक्षाओं को आत्मसात कर सकेगें और इस संसार में अपने प्रवास को और अधिक सार्थक बनाने में सक्षम होंगे l
इस आध्यात्मिक सत्र का उद्देश्य एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना था जहाँ सभी लोग शांति और सदभाव की आनंदमयी छाँव के नीचे एक ऐसे वैश्विक परिवार के रूप में रहते है जहाँ सभी राष्ट्र शांति, सुरक्षा और स्वतंत्रता के लिए साथ मिलकर कार्य करते है l कार्यक्रम के दौरान साधको ने सामूहिक रूप से ध्यान साधना कर मानव कल्याण और विश्व शांति के लिए प्रार्थना की l वहाँ उपस्थित भक्तों ने सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव भी किया l