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एक बार पुनः सतगुरु की कृपा निर्झरी में भीगने हेतु भक्त एकत्रित हुए। 31 मार्च, 2019 को पंजाब के कोटकपूरा में आयोजित मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम ने साधकों को अध्यात्म क्षेत्र में बढ़ने हेतु प्रेरणादायक विचार प्रदान किए। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के महान लक्ष्य की ओर अग्रसर करने हेतु भक्तों को भक्ति उपदेश प्रदान किए गए। अध्यात्म की यह लहर ही समाज के दुर्भावनापूर्ण मन को परोपकार में परिवर्तित कर सकती है। गुरुदेव के महान लक्ष्य सिद्धि हेतु संस्थान का प्रत्येक भक्त निःस्वार्थ भावना से अपना समय और सेवाएँ समर्पित करते हैं।

Monthly Spiritual Congregation Strived to Transform Everyone from Within at Kotkapura, Punjab

संस्थान का लक्ष्य- व्यक्ति द्वारा परिवार, परिवार द्वारा समाज, समाज द्वारा राष्ट्र व राष्ट्र द्वारा विश्व में शांति को स्थापित करना है। गुरुदेव के मार्गदर्शन में संस्थान अनेक स्तरों पर परिवर्तन हेतु निरंतर कार्यरत है। इन आयोजनों द्वारा साधक को संसार की नकरात्मकता से अप्रभावित रखने के लिए आध्यात्मिकता से जोड़ आत्मिक स्तर पर जीवंत किया जाता है। उपस्थित भक्तों ने अनुभव किया कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह आध्यात्मिक कार्यों के साथ-साथ सांसारिक कर्तव्यों, सामाजिक जिम्मेदारियों को पूर्णता से निभाने के लिए तैयार हैं।

संगीतकारों द्वारा प्रस्तुत भक्ति रचनाओं ने नई प्रेरणा उमंग का संचार किया। शिष्य, गुरु परम्परा का पालन करते हुए उनके द्वारा प्रदत्त की गई शिक्षाओं को आत्मसात करते है। प्रवचनों में भक्तों को गुरु के प्रति उनके कर्तव्य की याद दिलायी गयी। साधकों ने उन वादों को याद किया जो उन्होंने सतगुरु की शरण स्वीकार करते हुए लिए थे। आदर्श भक्त के जीवन में गुरु का सम्बंध सबसे प्रमुख होता है और वह अपने गुरु की प्रसन्ता हेतु निरंतर प्रयासरत रहता है। सतगुरु भी अपनी कृपा द्वारा शिष्य के अवगुणों को समाप्त कर, लक्ष्य सिद्धि हेतु उसे योग्य बनाते है। इस तथ्य को स्पष्ट करते हुए समझाया गया कि आज यह सुनहरा अवसर हर शिष्य के पास है कि वह गुरु की कृपा द्वारा अपने प्रयासों को सिद्ध कर सकता है और गुरु के लक्ष्य में सहयोग कर अपने शिष्यत्व को सार्थक कर सकता है। साथ ही शिष्य को स्वयं के उत्थान के लिए भी प्रयासरत होना चाहिए क्योंकि सही दिशा में परिवर्तित मानव ही समाज में बदलाव लाने में सक्षम है।

Monthly Spiritual Congregation Strived to Transform Everyone from Within at Kotkapura, Punjab

प्रवचनों में अनेक ग्रंथों व संतों के विचारों को रखते हुए समझाया गया कि अध्यात्म की शक्ति में ही भारत को पुनः जगतगुरु बनाने की क्षमता है। अध्यात्म द्वारा पोषित मन स्वयं के साथ- साथ समाज को भी निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप बनाता है। नियमित ध्यान और निःस्वार्थ सेवा द्वारा हर असम्भव को सम्भव कर इस विश्व को शांति प्रदान की जा सकती है।

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