विश्व में अधिकाँश लोग इसलिए असफल नहीं होते कि उनमें प्रतिभाओं की कमी है बल्कि इसलिए कि सही समय पर उनमें सही मार्गदर्शन का संचार नहीं हो पाता I और विद्यार्थी जीवन तो वह दौर है जिसमें यदि विद्यार्थी को सही मार्गदर्शन मिले तो वह अपने देश के विकास में सहयोग दे सकता है, वहीं गलत मार्गदर्शन में वह अपने व देश के लिए घातक भी सिद्ध हो सकता है I इसी बात को ध्यान में रखते हुए मंथन समय-समय पर बच्चों के शैक्षिक, आध्यात्मिक, नैतिक, सामाजिक मूल्यों के विकास हेतु विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करता रहता है ।
इसी श्रृंखला में 2019 के मई माह में मंथन के दिल्ली तथा बिहार स्थित शाखाओं में विद्यार्थियों में मानव के सद्गुणों को आत्मसात करने के उद्देश्य से नैतिक शिक्षा पर आधारित विभिन्न नैतिक सत्र आयोजित किये गए । मंगोलपुरी शाखा में मातृ दिवस के अवसर पर छात्रों को जन्म देने वाली माँ के साथ-साथ प्रकृति माँ तथा पग-पग पर मार्गदर्शन देने वाली माँ (गुरु) के प्रति कर्तव्यों से अवगत कराया गया तो वहीं शकूरपुर शाखा में छात्रों को वृद्ध नागरिकों की सेवा सुश्रुसा की महत्ता से अवगत करवायाI क्योंकि वे जीवन के अनुभवों का भण्डार होते हैं और एक अनुभवी व्यक्ति ही किसी को सही मार्गदर्शन दे सकता है, इसी कारण वृद्ध नागरिकों की भूमिका किसी देश के विकास के लिए कहीं अधिक होती है I इसलिए हमें उनका एवं उनकी भूमिका का सम्मान करना चाहिए I इसके साथ ही फ़रीदाबाद शाखा में छात्रों ने भगवान् बुद्ध के संपूर्ण जीवन को जाना तथा उनकी दी गयी सीख को आत्मसात किया I बिहार के पदमपुर केंद्र में बच्चों को भारतीय संस्कृति और यज्ञ का महत्व बताया गया I
सत्र के दौरान दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की प्रचारक साध्वी शिष्याएं तथा volunteers ने प्रभावशाली एवं प्रेरणादायक विचारों ने सभी छात्रों में एक नयी उर्जा तथा उत्साह का संचार किया I